आगरा। ऑनलाइन शॉपिंग के बाद लकी ड्रॉ का लोभ दिखाने वाले साइबर के शातिर अपने ग्राहकों ने एक और नई चौंकाने वाली जानकारी से परदा हटाया है। पता चला है कि वह जिस सिम से फोन करते थे, वह दो दिन के बाद बंद हो जाती थी। यह कैसे होता था, पुलिस की जांच इस बिंदु पर फिलहाल जारी है।

कंपनी से कर रखी है सेटिंग

साइबर शातिरों के ऑफिस में प्रत्येक वर्कर दिन में 5 से दस क्लाइंटों को कॉल करता है जिसमें से तीन से चार क्लाइंट झांसे में आ जाते हैं। जिस नंबर से कॉल किया जाता है उससे दो दिन तक काम लिया जाता है। दो दिन में वह क्लाइंट का रुपया ट्रांसफर करवा लेते हैं। इसके बाद सिम बंद हो जाती है। फिर क्लाइंट लाख चाहे कि कम्पनी से संपर्क करे लेकिन संपर्क नहीं हो पाता। इसके बाद ही लोगों को ठगी का अहसास होता है।

अकाउंट कर देते हैं शून्य

पुलिस छानबीन में निकल कर आया है कि शातिर लोगों से लूटे गए रुपये को जिस अकाउंट में ट्रांसफर कराते हैं, उस अकाउंट में भी अमाउंट को नहीं रखते बल्कि किसी और खाते में ट्रांसफर कर देते हैं जिससे कि यदि कभी पुलिस इंवेस्टीगेशन हो तो उनकी काली कमाई हाथ न लग सके। थाना हरीपर्वत पुलिस ने जितने भी खातों की जानकारी की वह या तो खाली मिले या फिर उनमें पांच से 9 हजार से अधिक रुपये नहीं मिले।

अलग-अलग बनाए हैं ऑफिस

सूत्रों की माने तो शातिरों ने चर्च रोड पर अपना ऑफिस बना रखा था इसके अलावा कमला नगर की तरफ भी एक ऑफिस होने की बात प्रकाश में आ रही है इसके अलावा नोएडा में भी शातिरों के हैड ऑफिस के होने की बात निकल कर आई है। पुलिस साइबर शातिरों के हर ऑफिस की तलाश में जुटी हुई है।