- पुलिस ने साइबर शातिरों को भेजा जेल

- स्टाफ को कोलकाता ले जाने की थी तैयारी

आगरा। लकी ड्रॉ के नाम पर ठगी करने वाली कंपनी शिकार फंसाने पर कर्मचारियों को कमीशन देती थी। कमीशन के लालच में सभी काम कर रहे थे। जितनी बड़ी धनराशि की ठगी, उतना बड़ा पुरस्कार दिया जाता था। सोमवार को पुलिस ने महिला कर्मचारी समेत तीन को जेल भेज दिया।

नोट पैड दिया जाता था गिफ्ट में

साइबर शातिरों का सरगना हर फ्रॉड पर कमीशन देता था। इसके अलावा 18 हजार पर बंपर गिफ्ट का भी प्लान था। यदि कोई कर्मचारी 18 हजार का क्लाइंट फंसा कर अकाउंट में रुपया ट्रंासफर कराता था, तो उसे कम्पनी की तरफ से एक नोट पैड बतौर इनाम दिया जाता था। ऐसे ही लालच के चलते इसमें युवक व युवतियां नौकरी करते थे।

कोलकाता ले जाने की थी तैयारी

सूत्रों की मानें तो सरगना ने स्टाफ में कुछ कर्मचारियों को चिह्नित किया और जिनकी ट्रेनिंग के लिए कोलकाता जाने के लिए टिकट बुक करा दी गई। कर्मचारियों ने कोलकाता जाने की तैयारी भी कर ली, लेकिन इससे पहले ही थाना हरीपर्वत पुलिस की छापामार कार्रवाई हो गई।

दबाव में लेकर भी करवाते थे काम

सूत्रों की मानें तो साइबर के शातिर या तो लालच देकर कर्मचारियों से काम करवाते थे, नहीं तो उनकी मजबूरी का फायदा उठा कर कॉल करवाते थे। जो कर्मचारी इस खेल में शामिल नहीं होना चाहते उनकी सैलरी रोक दी जाती थी। सैलरी की डिमांड किए जाने पर उनसे और काम करने का दबाव दिया जाता था। जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी वह मजबूरी में काम करते थे।

पुलिस ने भेज दिया जेल

पुलिस ने चार फरवरी को चर्च रोड स्थित कार्यालय पर छापा मार कर कुछ लोगों को पकड़ा। पुलिस ने मामले में शरद भट्ट व उसकी पत्नी वंदना, राजकुमार के अलावा सरगना जितेंद्र के साथ मनीष व विवेक पर मुकदमा दर्ज किया। पुलिस ने इस मामले में शरद, वंदना व राजकुमार को जेल भेज दिया है। पुलिस अभी शातिरों के अकाउंट खंगाल रही है।