लखनऊ (ब्यूरो)। UP police commissioner system: सीएम योगी ने यूपी की आम जनता के हित में ऐतिहासिक फैसला लिया है। अब आम आदमी के लिए त्वरित न्याय, आम लोगों के दरवाजे पर ही मुहैया होगा। लगातार बेहतर हो रही कानून व्यवस्था को और बेहतर करने में योगी सरकार का यह बहुत बड़ा फैसला है। पिछले कई दशकों से यूपी में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने की मांग उठ रही थी। धरमवीर कमीशन (तीसरे राष्ट्रीय पुलिस आयोग) ने 1977 में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने की सिफारिश की थी।

नौकरशाही ने दबा रखी थी फइल

नौकरशाही के एक बड़े तबके और राजनीतिक आकाओं ने सालों से कमिश्नर सिस्टम की फाइल दबा रखी थी। राजनीतिक इच्छाशक्ति के अभाव में यूपी में कमिश्नर सिस्टम कभी नहीं लागू हो पाया था। पूर्व में कोई भी मुख्यमंत्री पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने का साहस नहीं कर पाए। सरकारें पुलिस को फ्री हैंड देने से डरती रहीं हैं। सीएम योगी ने पालिटिकल विल यानी दृढ राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाई है। राजनीतिक संरक्षण में अपराधियों, माफिय़ाओं व अपराध को बढ़ावा देने वालों के दिन अब लद गए हैं।

मजिस्ट्रेट आदेश का इंतजार नहीं

नौकरशाही का एक बड़ा तबका इस सिस्टम का विरोध करता रहा था। सीएम योगी ने हर विरोध को दरकिनार किया और इस सिस्टम को त्वरित लागू किया। कमिश्नर सिस्टम पारदर्शी और जनहित के फैसले लेने वाला है। पुलिस को पर्याप्त अधिकार के साथ पर्याप्त जवाबदेही वाला कानून लागू हो गया है। अब दंगाइयों, उपद्रवियों के बुरे दिन आ गए हैं। बल प्रयोग के लिए पुलिस को मजिस्ट्रेट का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। अब जो दंगा करेगा, उपद्रव करेगा, आमजन और पुलिस पर हमला करेगा, सार्वजनिक संपत्तियों को बर्बाद करेगा, उससे पुलिस सीधे निपटेगी।

पुलिस में भी लागू हो गया सिंगल विंडो सिस्टम

अब गुडों, माफियाओं, सफेदपोशों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई के लिए पुलिस को मजिस्ट्रेटों के कार्यालयों में नहीं भटकना पड़ेगा। पुलिस को गुंडों, माफियाओं और सफेदपोशों को चिन्हित कर उनके खिलाफ त्वरित कार्रवाई का पूरा अधिकार होगा। अपराधियों, माफियाओं और सफेदपोशों के असलहों के लाइसेंस कैंसिल करने के लिए भी पुलिस के पास हुए सीधे अधिकार होंगे। 151 और 107, 116 जैसी धाराओं में पुलिस को गिरफ्तार कर सीधे जेल भेजने का अधिकार होगा। आमजन के हित के फैसलों में नौकरशाही का मकड़जाल खत्म होगा।

एक बार लागू होते-होते रह गया कमीशनरी सिस्टम

तीसरे पुलिस कमीशन, धरमवीर कमीशन की सिफारिश के बाद पूर्व सीएम राम नरेश यादव ने यूपी में कमिश्नर सिस्टम लागू किया था। वासुदेव पंजानी को कानपुर का पुलिस कमिश्नर बनाया गया था लेकिन उनके काम शुरू करने से पहले ही कमिश्नर सिस्टम का फैसला वापस ले लिया गया। इसके बाद यूपी में कमिश्नर सिस्टम कभी लागू नहीं हो पाया था। इसी के बाद प्रदेश की नौकरशाही ने मान लिया था कि यूपी में कोई भी सरकार ये क्रांतिकारी फैसला नहीं ले पाएगी पर सीएम योगी ने यह मिथक तोड़ दिया है।

15 राज्यों में लागू है कमीश्नरी सिस्टम

देश के 15 राज्यों के 71 शहरों जिनमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बंगलुरू, अहमदाबाद, राजकोट, बड़ौदा, हैदराबाद, त्रिवेंद्रम आदि शामिल हैं। जहां ये सिस्टम लागू है वहां बेहतर कार्य हो रहा है। प्रशासनिक उत्कृष्टता के लिए ये कदम जरूरी था और योगी ने इसे कर दिखाया है। कमिश्नर सिस्टम से पुलिस की जवाबदेही बढ़ेगी। थाने स्तर पर आम लोगों की सुनवाई और बेहतर होगी। पुलिस की गड़बड़ी पर अंकुश होगा।

lucknow@inext.co.in

National News inextlive from India News Desk