बोले डीजीपी-प्रस्ताव योजना तैयार, सरकार को जल्द भेजा जाएगा प्रस्ताव

पुलिस कमिश्नर सिस्टम पर सवाल का दिया डीजीपी ने जबाव

Meerut। क्राइम कंट्रोल के लिए पुलिस को अब प्रशासनिक पॉवर से लैस करने की स्कीम अमली जामा पहन रही है। यूपी में जल्द पुलिस कमिश्नर सिस्टम प्रभाव में आएगा। शनिवार को मेरठ आगमन के दौरान डीजीपी ओपी सिंह ने स्पष्ट कर दिया कि कमिश्नर सिस्टम को लागू के संबंध में एक्सरसाइज कर ली गई है, जल्द ही शासन के समक्ष प्रस्ताव को रखा जाएगा।

जोन पर बैठेंगे कमिश्नर

पुलिस लाइन में वार्ता के दौरान विस्तृत जानकारी देते हुए डीजीपी ने कहा कि मेरठ समेत सभी जोन में पुलिस कमिश्नर बैठेंगे तो पुलिसिंग और बेहतर होगी। क्राइम कंट्रोल के लिए अभी पुलिस को कोई एक्शन लेना हो तो डीएम से अनुमति लेनी होती है। यदि कमिश्नर मेरठ में बैठेंगे तो प्रशासनिक अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी। सीधे पुलिस कमिश्नर से अनुमति ली जा सकती है।

जल्द मिल सकेगी अनुमति

पुलिस कमिश्नर सिस्टम के संबंध में समझा जाए तो उदाहरण के तौर पर यदि किसी भी हंगामे या दंगे के दौरान पुलिस को गोली चलानी है तो संबंधित मजिस्ट्रेट से अनुमति लेनी होती है। इसके अलावा संवेदनशील स्थितियों में जनपद में कफ्र्यू लगाना है तो डीएम की अनुमति लेनी होती है। जबकि पुलिस कमिश्नर के प्रभाव में आने पर प्रशासनिक अधिकारियों से किसी भी 'एक्शन' से पूर्व अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी बल्कि पुलिस कमिश्नर की अनुमति से एक्शन को अंजाम दिया जा सकता है। बता दें कि गुरुग्राम और दिल्ली में पुलिस कमिश्नर प्रणाली प्रभावी है। पूर्व में गुरुग्राम में हुए जाट आंदोलन को नियंत्रित करने में पुलिस कमिश्नर की अहम भूमिका रही।

ताकतवर होगी पुलिस

पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था के लागू होने पर पुलिस के अधिकार बढ़ जाएंगे। जानकारों के मुताबिक पुलिस कमिश्नर के पास कई शक्तियां होंगी। वर्तमान में डीएम के पास जो अधिकार हैं, उनमें से कई कमिश्नर के पास होंगे। जैसे कि-हथियारों का लाइसेंस देना, धारा 144 लागू करना, धारा 107 के तहत बांड भरवाना, एसडीओ की तरह अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) को अधिकार मिल जाएगा। एसएसपी जनपद में सुरक्षा संबंधी मामले में अपने स्तर से निर्णय ले पाएंगे। प्रक्रिया के अमल में आने से लॉ एंड आर्डर के दौरान प्रशासनिक अधिकार भी पुलिस को मिल जाएंगे।

ये हैं अधिकार

-लाठीचार्ज-फायरिंग का आदेश दे सकते हैं

आर्म्स लाइसेंस जारी कर सकते हैं।

धारा 144 लगा सकते हैं

लॉ एंड आर्डर के मद्देनजर प्रतिबंध लगा सकेंगे।

बदल जाएंगें पद

पुलिस कमिश्नर (एडीजी/आईजी रैंक के अफसर)

असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस (आईजी/डीआईजी रैंक के अफसर)

डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (एसएसपी रैंक के अफसर)

एडीशनल डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (एसपी रैंक के अफसर)

एसीपी (डीएसपी स्तर के अफसर)

एसएचओ (इंस्पेक्टर/थानेदार)