- बसंत विहार थाना इलाके में घर के बाहर खड़ी कार को आग लगाने वाली वारदात का मामला

- पुलिस ने एफआईआर की जगह एनसीआर कर ली थी दर्ज

- कोर्ट के आदेश पर अब मामले की एफआईआर की तरह ही होगी जांच

देहरादून,

देहरादून पुलिस को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) में ही कन्फ्यूजन है। बसंत विहार थाना इलाके में घर के बाहर खड़ी कार को रंजिशन आग लगाने वाली वारदात में पुलिस ने एफआईआर की जगह एनसीआर दर्ज कर ली थी। कोर्ट के आदेश पर अब इस मामले की एफआईआर की तरह ही जांच करनी पड़ेगी। पीडि़त परिवार ने एफआईआर की जगह एनसीआर वाले पुलिसिया खेल की कम्प्लेन दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से की थी। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने भी खबर को प्रमुखता से प्रकाशित कर मामले की पोल खोली।

ये है मामला

5 अक्टूबर को बसंत विहार फेस-2 निवासी तेजोराज पटवाल के घर के अपोजिट रोड के किनारे खड़ी डस्टर कार में आग लग गई, जब तक वे बाहर आए कार पूरी तरह आग पकड़ चुकी थी। पुलिस के आने तक कार बुरी तरह जल चुकी थी। वारदात के दूसरे दिन 6 अक्टूबर को पीडि़त पक्ष ने जब घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरा फुटेज चेक किया तो उसमें एक महिला कैद हुई थी। जो कार की ओर बढ़ी, कुछ देर बाद कार पर आग लगी और फिर महिला वापस जाते दिखाई दी। जिसके हाथ में बॉटल जैसी कोई वस्तु थी। इसके बाद पीडि़त परिवार को एक बॉटल और एक टॉवल पास के गेट पर पड़ा मिला। 7 अक्टूबर को पीडि़़त ने बसंत विहार थाने में अज्ञात महिला के खिलाफ कार को आग लगाने की कम्प्लेन दर्ज कराई साथ ही सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस को अवेलेबल कराया। लेकिन पुलिस ने एफआईआर की जगह एनसीआर दर्ज की।

एसएसपी से मिले फरियादी

पीडि़त कार ओनर तेजोराज पटवाल डेंगू की वजह से हॉस्पिटल में भर्ती होने और उनकी पत्‍‌नी की इलेक्शन ड्यूटी होने की वजह से दो दिन पहले परिवार के एक करीबी दोस्त ने पूरे प्रकरण पर एसएसपी से कम्प्लेन की। एसएसपी ने पीडि़त के करीबी दोस्त से मामले की जानकारी मिलने के बाद बसंत विहार थाना इंचार्ज को मामले में कोर्ट से परमिशन लेने के निर्देश दिए, जिससे मामले की सही तरीके से जांच हो सके।

कोर्ट ने दिए आदेश

एसएसपी के निर्देश के बाद बसंत विहार थाना पुलिस ने कोर्ट से इस मामले में एफआईआर की तरह जांच करने की अनुमति मांगी। कोर्ट के आदेश के बाद इस मामले में अनुमति दी गई। अब इस मामले की एफआईआर की तरह जांच पड़ताल की जाएगी।

पीडि़त परिवार की मुसीबत

पीडि़त तेजोराज पटवाल लम्बे समय से बीमार चल रहे हैं, पहले डेंगू होने के कारण वे घर पर ही रेस्ट कर रहे थे, लेकिन घटना के बाद से वे हॉस्पिटल में भर्ती है। उनकी पत्‍‌नी सरकारी नौकरी पर है, और इलेक्शन ड्यूटी में तैनात है। ऐसे में पीडि़त परिवार बुरी तरह से डरा हुआ है। पीडि़त ने बताया कि वे रोज-रोज पुलिस थाने के चक्कर नहीं काट सकते हैं।

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मामले में कोर्ट से एफआईआर की तरह जांच करने की अनुमति मांगी गई थी, कोर्ट से अनुमति मिल गई है। आईओ को जांच सौंपी गई है। आरोपी की शिनाख्त की जा रही है।

- नवनीत भंडारी, थाना प्रभारी, बसंत विहार

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मामला संज्ञान में आते ही थाना प्रभारी को कोर्ट से परमिशन लेने के निर्देश दिए गए थे। परमिशन मिलते ही जांच शुरू कर दी गई है।

श्वेता चौबे, एसपी सिटी