- शमशान घाट में पेड़ से लटका मिला एचपीसी का शव

-सुसाईड नोट में मुजफ्फरनगर के एसडीएम सदर पर लगाया आरोप

-एसडीएम को बचाने के लिए सुसाइड नोट पर पुलिस साध रही चुप्पी

Meerut: 'मेरी मौत के जिम्मेदार एसडीएस (सदर मुजफ्फनगर) हैं, वे एक फाइल खोने पर मेरा लगातार उत्पीड़न कर रहे हैं। जिससे आजिज आकर मैं मौत को गले लगा रहा हूं.' खरखौदा थाना क्षेत्र के काजीपुर के श्मशान घाट में बुधवार की रात पुलिस विभाग में तैनात एक एचसीपी ने पेड़ से फ ांसी लगाकर अपनी जान दे दी, तो वहीं समीप सुसाइड नोट छोड़ गया। मेरठ निवासी एचसीपी मुज्जफरनगर कोर्ट में तैनात था और छह माह बाद उसकी सेवानिवृत्ति थी। उसने अपने सुसाइड नोट में एसडीएम सदर मुजफ्फरनगर पर उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाया है। घटना के बाद अधिकारियों में खलबली है तो वहीं प्रशासनिक अफसर को बचाने के लिए पुलिस अधिकारी सुसाइड नोट चुप्पी साधे हैं।

ड्यूटी से आकर गए टहलने

मूल रूप से गढ़ रोड स्थित मुक्तेश्वरा गांव के निवासी विजेन्द्र सिंह पुत्र दाताराम परिवार सहित मेडिकल थाना क्षेत्र के अशोक विहार मकान नंबर 7 में रहते थे। विजेन्द्र यूपी पुलिस में एचसीपी के पद पर तैनात थे और इन दिनों मुज्जफरनगर सदर कोर्ट में कोर्ट में तैनात थे। पत्‍‌नी किरन के अनुसार, बुधवार की रात करीब आठ बजे वह मुज्जफरनगर से वापस लौटे थे और कुछ देर बाद ही टहलने के लिए घर से निकल गए।

रातभर नहीं लौटे घर

जब देर रात तक भी विजेन्द्र घर नहीं लौटे, तो परिजनों ने खोजबीन शुरू कर दी। रातभर परिजनों ने उनकी काफी तलाश की, लेकिन कहीं नहीं मिले। सुबह खरखौदा थाना क्षेत्र के काजीपुर गांव स्थित शमशान घाट में गांव के लोगों ने पेड़ से रस्सी के सहारे एक शव झूलता देखा तो क्षेत्र में सनसनी फैल गई।

कागजों पर शिनाख्त

मौके पर पहुंचे इंस्पेक्टर मनीष सक्सेना ने पुलिस कर्मियों की मदद से शव को फं दे से उतारते हुए कपड़ो की तलाशी ली। मृतक की जेब से बरामद हुए कागजातों के आधार पर शव की शिनाख्त विजेन्द्र के रूप में हुई। घटना की जानकारी मिलते ही जहां परिजनों में कोहराम मच गया। वहीं एसपी देहात श्रवण कुमार और सीओ किठौर विनोद सिरोही भी घटनास्थल पर पहुंचे।

सुसाइड नोट छिपा रही पुलिस

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पुलिस को मृतक की जेब से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है। जिसमें उसने मुजफ्फनगर एसडीएम सदर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि एसडीएम सदर एक फ ाइल गायब करने का आरोप लगाते हुए एचसीपी का उत्पीड़न कर रहे थे। जिसके चलते वह पिछले काफी समय से डिप्रेशन में थे। मृतक के परिवार में एक विवाहित पुत्र अरविंद और दूसरा शुभम अविवाहित है।

सबकुछ छीन लिया

रोते-बिलखते अरविंद ने बताया कि छह माह बाद उनके पिता विजेन्द्र रिटायर होने वाले थे। परिवार के लोग बहुत खुश थे कि रिटायरमेंट के बाद वह परिवार को समय दे सकेंगे। लेकिन नियति ने यह दिन दिखा दिया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार इस पूरे प्रकरण में एसडीएम को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। जिसके चलते दोपहर बाद तक भी पुलिस सुसाइड नोट पर चुप्पी साधे रही।

वर्जन

बुधवार देर रात्रि मुजफ्फनगर में तैनात हेड कांस्टेबिल ने सुसाइड कर लिया है। सुसाइड नोट मिला है, उसमें लिखी बातें अभी जांच का विषय है। परिजनों की तहरीर के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

-श्रवण कुमार, एसपी देहात, मेरठ

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उत्पीड़न का आरोप निराधार है। ऐसा सुना है कि सुसाइड नोट में मेरे नाम का जिक्र किया है, हालांकि यह जांच का विषय है। विजेंद्र लगातार ड्यूटी कर रहे थे। यहां उनका किसी से भी कोई विवाद नहीं था।

-रामअवतार गुप्ता, एसडीएम सदर, मुजफ्फनगर