पब्लिक का तेवर देखकर लिया इमोशनल फैसला, नीवां घाट तक ले गए

कार सवार तीन युवकों के खिलाफ दर्ज हुआ धूमनगंज थाने में मुकदमा

PRAYAGRAJ: मासूम की बॉडी पोस्टमार्टम के बाद घर पहुंचने वाली थी। परिजनों के साथ पब्लिक में गम और गुस्सा दोनो था। माहौल में तल्खी को पुलिस अफसरों ने भी पढ़ लिया था। आशंका थी कि माहौल फिर से बिगड़ सकता है। इसके चलते फोर्स तैनात कर दी गयी थी। बॉडी घर पहुंची और रोना-धोना मच गया। बॉडी निकलने में देरी के साथ अफसरों की धड़कन भी तेज थी। पुलिस की रिक्वेस्ट पर परिजन बॉडी लेकर अंतिम संस्कार के लिए निकले। लेकिन, यहां भी काफी टाइम लगने लगा। यह देखकर एसओ कैंट ने एक इमोशनल डिसीजन लिया। बॉडी को खुद गोद में उठा लिया और आगे चल पड़े। इसके बाद पब्लिक भी उनके साथ आ गयी। इसका नतीजा यह हुआ कि पब्लिक पैदल पीछे-पीछे चलते रही। पूरे रास्ते कहीं कोई विरोध नहीं हुआ।

शुक्रवार को थी परीक्षा

मृतक युवराज नर्सरी का छात्र था। शुक्रवार को उसकी परीक्षा थी। गुरुवार की देर शाम उसे चाचा तैयारी करा रहे थे। साथ में बड़ा भाई भी था। शायद काल ने उसे घर से बाहर खींच लिया। यही कारण रहा होगा कि वह घर में टॉयलेट होने के बाद भी शौच के लिए बाहर निकला। सुरक्षा के बारे में मासूम मन ने सोचा जरूर था तभी वह सड़क पार करके दूसरी साइड चला गया था। उसे क्या पता था कि मौत खुद यह सब कुछ उससे करवा रही है। कार सवार युवक अपनी साइड में चल रहे होते तो युवराज जिंदा होता और शायद परीक्षा में भी शामिल होता।

बड़े पिता ने दर्ज करायी रिपोर्ट

इस मामले में छात्र के बड़े पिता लल्लू की तहरीर पर झलवा निवासी कार सवार शुभम, मिथुन व सतीश के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गयी है। उधर, पुलिस व प्रशासनिक अफसरों की गाडि़यों पर पथराव के मामले में पुलिस की तरफ से भी करीब 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। बता दें कि कैंट एरिया स्थित नेहरू पार्क के पास ताड़बाग निवासी रॉबिन के दो बेटे विराट (6) व छोटा युवराज (4) थे। दोनों पास के अर्चना विद्यालय में साथ पढ़ते थे। विराट एलकेजी तो युवराज नर्सरी में था।

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इंस्पेक्टर के रुख से बदला माहौल

मासूम के बाडी का पोस्टमार्टम डीएम के आदेश पर सुबह ही कराया गया। पुलिस चाहती थी कि जल्द से जल्द मामला निबट जाये। इसके लिए मृतक के घर के आसपास भारी संख्या में फोर्स तैनात की गयी थी। इसके बाद भी अफसरों को डर सता रहा था कि पब्लिक कहीं मुआवजे आदि को लेकर बवाल न खड़ा कर दे। इसी के चलते इंस्पेक्टर ने मासूम की बॉडी को खुद गोद में उठाकर चलने का फैसला लिया। उनकी यह स्ट्रेटजी काम कर गयी। पूरे रास्ते लोग शांत रहे और नीवां घाट पर मृतक का अंतिम संस्कार भी समय से हो गया।

भाई रहा मौत से अंजान

छोटे भाई की मौत से बड़ा भाई शुक्रवार की सुबह तक अंजान रहा। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट रिपोर्टर सुबह मौके पर पहुंचा तो वह छत पर दिख गया। उसके हाथ में चिप्स का पैकेट था। परिवार के लोगों के कहना था कि उसे बताया ही नहीं गया है। हालांकि परिवार के लोगों ने उसे परीक्षा में शामिल होने के लिए घर से बाहर जाने की भी अनुमति नहीं दी थी।