आगरा। मंत्री जी! आगरा के उद्योग को ग्रहण लग गया है। छोटे उद्यमियों को बडे़ उद्यमियों से काम मिलता था, वह बिल्कुल बंद हो चुका है। मिलिट्री, पुलिस और पीएसी के जूते बनाने का जो बडे़ स्तर पर ऑर्डर मिलता था, वो भी वर्ष 2000 से बंद हो चुका है। यही नहीं जो लोग काम शुरू करना चाहते हैं, उन्हें बैंक सहयोग नहीं करतीं हैं। छोटे लोन के लिए भी जीएसटी नम्बर मांगा जाता है। कुछ ऐसी ही समस्याओं से स्टैक होल्डरों ने एक जनपद एक उत्पाद योजना के अंतर्गत सर्किट हाउस में हुई वर्कशाप में राज्यमंत्री सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग चौधरी उदयभान सिंह और विभाग के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल को अवगत कराया। इस पर उन्होंने आश्वस्त किया है कि सरकार हरस्तर पर स्टैक होल्डरों का सहयोग करने के लिए तत्पर है।

लैम्को को मिलता था काम

सर्किट हाउस में बैठक के दौरान जूता दस्तकार फेडरेशन के अध्यक्ष भरत सिंह ने राज्यमंत्री और प्रमुख सचिव को बताया कि जो ऑर्डर पहले मिलते थे, वे भी मिलना फिर से शुरू हो जाएं तो कारोबार में प्रोग्रेस होगी। छोटे कारोबारियों को काम मिलेगा। उन्होंने कहा कि मिलिट्री, पुलिस और पीएसी के लिए बनने वाले जूतो का ऑर्डर लैम्को को दिया जाता था। यहां से छोटे-छोटे कारोबारियों को ऑर्डर मिल जाते थे, जिससे सैकड़ों जूता कारीगरों को काम मिलता था। रोजगार की कोई कमी नहीं रहती थी। वर्ष 1974 से वर्ष 2000 तक काम मिला है। इसके बाद काम मिलना बंद हो गया। अब इनके लिए कहां पर जूतों का निर्माण होता है, इसकी जानकारी नहीं है। उन्होंने मांग की कि इनका भी ऑर्डर शहर में ही मिले तो निश्चित तौर पर जूता कारोबार को लाभ होगा।

हर बिन्दु पर की चर्चा

प्रमुख सचिव नवनीत सहगल ने जूता उद्यमियों से हर बिन्दु पर चर्चा की। जूता निर्माण में कहा पर क्या समस्याएं आतीं हैं? कैसे इस क्षेत्र में और रोजगारों का सृजन किया जाए? आदि विषयों पर स्टैक होल्डरों के साथ चर्चा की। उन्होंने स्टैक होल्डरों को आश्वस्त किया है कि किसी भी स्तर पर कोई परेशानी नहीं आएगी।

इन पर भी हुई चर्चा

इस दौरान पच्चीकारी को और विकसित किये जाने तथा दस्तकारी व दरी के कार्य पर भी चर्चा की। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अभी केवल जूता उद्योग पर ही काम होगा। अन्य पर आगे काम किया जाना संभव है।

दिया जाएगा प्रशिक्षण

बैठक में नए उद्यमियों के प्रशिक्षण दिए जाने पर भी सहमति बनी। इसके लिए प्रशिक्षण संस्थान खोले जाने, जूता कतरनों की रीसाइक्लिंग, लेदर पार्क में दुकानों के आवंटन की कार्यवाही शुरू किये जाने एवं कच्चे माल की उपलब्धता आदि विषयों पर विस्तृत रूप से विचार-विमर्श किया गया।

ये थे मौजूद

इस मौके पर निदेशक प्रमुख सचिव सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन गौरव दयाल, डीएम एनजी रवि कुमार, सीडीओ जे रीभा, एडीएम प्रोटोकाल मंजूलता आदि मौजूद थे।

लेदर पार्क होगा विकसित

बरौदा सदर के पास स्थित लेदर पार्क को विकसित होने में आ रही परेशानियों के बारे में यूपीएसआईडीसी के अधिकारियों से जानकारी मांगी। बताया गया कि एनजीटी के कारण कुछ दिक्कतें हैं। जिन्हें जल्द ही दूर किए जाने का प्रयास करने के भी निर्देश दिए।

रिवाइज होंगी रेट

जूता मंडी में दुकानों के रेट रिवाइज होंगे। प्रमुख सचिव नवनीत सहगल ने जिलाधिकारी और एडीए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि रेटों का अध्ययन किया जाए। जिन दुकानों का आवंटन हो चुका है, वे निरस्त करा रहे हैं। इस स्थित को रोकने और अन्य दुकानों का आवंटन हो सके, इसके लिए रेटों को रिवाइज किए जाने के निर्देश दिए हैं।