शहर में पुलिस वालों का वेश बनाकर बदमाशों ने कई वारदातों को दिया अंजाम

जून-जुलाई में ही आधा दर्जन वारदातों के बाद भी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा कोई बदमाश

केस 01

11 जून 2019 को विश्वेश्वरगंज मंडी में बाइक सवार दो युवकों ने खुद को पुलिसकर्मी बताकर किराना व्यापारी दीपक जायसवाल को रोका और जांच के नाम पर सवा लाख रुपये से भरा बैग पार कर दिया। वारदात के बाद सीसीटीवी फुटेज से बदमाशों की पहचान हुई लेकिन बदमाश अब तक नहीं पकड़े गए।

केस 02

तीन जुलाई को विश्वेश्वरगंज में गाजीपुर से खरीदारी करने आये किराना व्यापारी चंदन मोदनवाल एक दुकान के सामने बैठकर उसके खुलने का इंतजार कर रहा था। इस दौरान तीन युवक पहुंचे और खुद को पुलिसकर्मी बताकर जांच करने लगे। इसी दौरान उसके बैग से ढाई लाख रुपए पार कर दिया। घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई, फिर भी पुलिस अब तक बदमाशों को पकड़ नहीं सकी।

केस 03

भेलूपुर थाना एरिया के गुरुबाग में 18 जुलाई को बाजार से खरीदारी कर रिक्शे से लौट रही सिगरा निवासी डिंपल सिंह को दो टप्पेबाजों ने पुलिसकर्मी बनकर रोका। जांच के नाम पर जेवरात बैग में रखवाया और मौका देखकर पार कर दिया। पुलिस ने आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से संदिग्धों की पहचान की, लेकिन अब तक उन्हें पकड़ नहीं सकी।

केस-4

28 जुलाई की दोपहर चेतगंज थाना के बेनियाबाग पिकेट के पास झारखंड के व्यापारी मोहम्मद इलियास को दो युवकों ने खुद को पुलिसकर्मी बताकर रोका और जांच व तलाशी के नाम पर बैग में रखे एक लाख 30 हजार रुपये लेकर फरार हो गये। पुलिस अभी तक हुलिया के आधार पर बदमाश की खोज में लगी हुई है।

ये चार केस यह बताने के लिए काफी है कि किस तरह से शहर में चोरों का पुलिस गैंग सक्रिय है। ये पुलिस वाले बनकर लोगों को चेकिंग के नाम पर रोकते हैं और उनकी रकम पार कर देते हैं। खास बात ये कि शिकार से पहले बदमाश पता लगा लेते हैं कि उसके पास अच्छी खासी रकम है। ये अधिकतर उन व्यापारियों को शिकार बनाते हैं जो वाराणसी की थोक मंडी में बाहर से खरीदारी के लिए आते हैं। इस तरह की लगातार वारदातों के बाद भी किसी का पकड़ा नहीं जाना पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है।

पुलिस वाले भी बने शिकार

हद तो ये कि बदमाश अब पुलिसकर्मियों को भी निशाना बना रहे हैं। 20 जुलाई की दोपहर कचहरी परिसर में चोलापुर थाने के पैरोकार का बैग उचक्कों ने पार कर दिया। हालांकि मामले में चार-पांच संदिग्धों को हिरासत में लिया गया, लेकिन पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। यही हाल स्पेन की प्रोफेसर के साथ कैंटोनमेंट में हुई छिनैती का भी है। इसमें भी अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं। लगातार बढ़ती वारदातों से गुस्साए एडीजी बृजभूषण ने इसके खुलासे के लिए सख्त निर्देश दिए हैं।

एमपी के गिरोह की पहचान

शहर में इस तरह की वारदातों की जांच में जुटी पुलिस को छानबीन में पता चला है कि इनमें एमपी का गिरोह सक्रिय है। पुलिस बन लोगों को लुटने वाले अधिकतर बदमाश एमपी से आ रहे हैं। पुलिस का दावा है कि जल्द ही इन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

इस तरह की वारदातों के खुलासे के लिए लगाई गई पुलिस की टीमें अब अपनी जांच के अंतिम चरण में हैं। वारदातों को अंजाम देने वालों पर लगातार नजर रखी है, जल्द ही बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

आनंद कुलकर्णी, एसएसपी