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-कभी भी भरभराकर गिर सकते हैं पुलिस के जर्जर आवास

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708 क्वार्टर्स हैं रिजर्व और पुरानी पुलिस लाइन में

476 रिजर्व पुलिस लाइन में हैं, जिसमें 40 आवास जर्जर

163 आवास पुरानी पुलिस लाइन में हैं

5 आवास एडीजी कार्यालय जोन में हैं

40 आवास पुलिस क्लब में बने हैं

24 आवास टै्रफिक पुलिस के हैं

15 लाख रुपए का बजट आवासों की मरम्मत के लिए मिला

बरेली : बरेलियंस की सुरक्षा का जिम्मा संभाल रहे पुलिसकर्मी और उनके परिवार हर पल खतरे के साये में जीने को मजबूर हैं। चौपुला चौराहा के पास रिजर्व पुलिस लाइन और सिटी स्टेशन रोड पर स्थित पुरानी पुलिस लाइन में बने कई आवास जर्जर हो चुके हैं। इन मकानों की हालत देखकर ही लगता है कि लंबे समय से इनकी मरम्मत तक नहीं हुई है। दीवारों के साथ ही आवासों की छतें भी जर्जर हो चुकी हैं और कई आवासों की दीवारों में पेड़ तक उग आए हैं। बावजूद इसके अफसरों की अनदेखी के चलते ये पुलिसकर्मी इन आवासों में रहने को मजबूर हैं।

छतों से टपकता है पानी

रिजर्व पुलिस लाइन में 476 क्वार्टर बने हैं। हर क्वार्टर में चार-पांच सदस्यों के साथ पुलिसकर्मी लम्बे असरे से रह रहे हैं। जिसमें चालीस आवास ऐसे में जोकि लम्बे समय से मरम्मत न होने के चलते जर्जर हो चुके हैं। कुछ क्वार्टर के छज्जे, दीवारों पर दरारें पड़ चुकी हैं। कई क्वार्टर ऐसे हैं जिनकी छतों से बारिश का पानी अंदर टपकता है। इसे लेकर पुलिसकर्मी शिकायत भी दर्ज कराते हैं, लेकिन उन्हें बजट आने पर मरम्मत कराने की बात कहकर टरका दिया जाता है।

15 लाख में कैसे होगी मरम्मत

पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन के मुताबिक मार्च-2018 में सरकारी क्वार्टर की मरम्मत के लिए आठ लाख रुपए का बजट मिला था। इस बजट से क्वार्टरों की फर्श, दरवाजे, दीवारों की मरम्मत और सेनेट्री फिटिंग का काम गया था। इस बार विभाग को 15 लाख रुपए का बजट मिला है। जिसमें क्वार्टर की खिड़कियां आदि रिपेयर कराने के साथ वाटर सप्लाई की समस्या दूर की जा रही है। ऐसे में इस बार भी आवासों की बदहाली दूर होने के आसार नहीं हैं।

खाली नहीं किए आवास

पुलिस लाइन में जर्जर हो चुके कई क्वार्टर को खाली करने के लिए एसएसपी ने नोटिस भी जारी किया, लेकिन वहां रह रहे पुलिसकर्मी आवासों को खाली करने को तैयार नहीं हैं।

अफसरों के आवास चकाचक

एक ओर रात दिन सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी और उनके परिवार बदहाल आवासों में रहने को मजबूर हैं तो वहीं दूसरी ओर पुलिस विभाग के अधिकारियों के आवास सभी सुविधाओं से लैस हैं। नाम न छापने की शर्त पर कुछ पुलिसकर्मियों का कहना था कि अफसरों को ज्यादा सुविधाएं मिलना गलत नहीं है लेकिन हमारी और हमारे परिवार की सुरक्षा से भी समझौता तो नहीं होना चाहिए।

वर्जन

पुलिस लाइन में एक-दो सरकारी क्वार्टर खंडहर बन चुके हैं। जिनको दोबारा से बनाना चाहिए। मगर अधिकारी इसकी सुध नहीं लेते।

मुनव्वर

पुलिस लाइन के क्वार्टर कहीं हादसे का सबब न बने। बारिश के समय डर बना रहता है। कई आवासों के छज्जे भी गिरताऊ हो चुके हैं।

अनुज

शिकायतों और सर्वे के आधार पर सरकारी क्वार्टरों की समस्या हल की जाती है। इसके लिए बजट को ध्यान में रखना पड़ता है।

हरेंद्र सिंह, आरआई