लखनऊ (पीटीआई)। लखनऊ पुलिस ने बुधवार को बॉलीवुड सिंगर कनिका कपूर का बयान दर्ज किया। कनिका पर बीमारी छुपाने के चलते एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। इसी तफ्तीश में बुधवार को पुलिस उनके घर पहुंची और कनिका से उन पार्टियों के बारे में पूछा, जिनमें वह विदेश से लौटने के बाद उपस्थित हुई थीं। बता दें कनिका 20 मार्च को कोरोना पॉजिटिव पाई गईं थी। हालांकि वह ठीक होकर घर लौट आईं मगर अब उनके खिलाफ जांच शुरु हो गई।

पुलिस ने कनिका के पासपोर्ट दस्तावेज लिए

यूपी पुलिस ने कनिका कपूर के खिलाफ लापरवाही बरतने के चलते केस दर्ज किया है। विदेश से लौटने के बाद कनिका ने खुद को क्वारांटाइन में नहीं रखा, बल्कि वह घूम-घूमकर पार्टीज में शामिल हुईं थी। लखनऊ में वह कम से कम तीन सभाओं में गईं थी। एक पार्टी में, वरिष्ठ भाजपा नेता और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और उनके बेटे दुष्यंत सिंह सहित राजनीतिक हस्तियां मौजूद थीं। लखनऊ के सरोजनी नगर इंस्पेक्टर आनंद शाही ने बुधवार को कहा कि विदेश से लौटने के बाद उन्होंने जिन पार्टियों में भाग लिया था, उनके बारे में उनसे जानकारी ली जा रही है। उन्होंने कहा, "पुलिस ने कनिका के पासपोर्ट, हवाई टिकट और अन्य दस्तावेजों की फोटोकॉपी भी ली। बयान महानगर में कनिका कपूर के निवास पर दर्ज किया गया।'

लखनऊ से कानपुर तक कोरोना फैलाने का आरोप

इस मामले को लेकर 27 अप्रैल को कनिका कपूर को नोटिस दिया गया था। पुलिस ने कहा कि उन्हें 30 अप्रैल को सरोजनी नगर पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करने और अपना बयान दर्ज करने के लिए कहा गया था। कनिका लंदन से लौटने के बाद कई पार्टियों में शामिल हुई थीं और 20 मार्च को उनकी रिपोर्ट कोरोना पाजिटिव आई थी। इसके बाद उन्हें पीजीआई में भर्ती कराया गया था। लखनऊ से कानपुर तक उनके संपर्क में आए 198 लोगों का कोरोना टेस्ट कराया गया था, हालांकि सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई थी। वहीं करीब 250 लोगों को क्वारंटाइन में भी रखा गया था। जिनमें वसुंधरा राजे सिंधिया, दुष्यंत सिंह, जय प्रताप सिंह आदि हाई प्रोफाइल लोग शामिल थे। बीमारी छिपाने पर कनिका पर एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी। छठी रिपोर्ट निगेटिव आने पर कनिका को 6 अप्रैल को डिस्चार्ज कर दिया गया था।

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