निर्देशों का बोर्ड
कचहरी में हवालात के पास पुलिस की ओर से दिशा निर्देशों का बोर्ड लगा है, जिस पर शायद ही किसी पुलिस वाले की नजर पड़ती हो। इन दिशा निर्देशों को कोई अमल में नहीं लाता। इसका खामियाजा आए दिन पुलिस वालों को भुगतना पड़ता है। बंदी पेशी पर लाया जाता है और उसको सभी ऐश-ओ-आराम की चीजें उपलब्ध कराई जाती हैं। पुलिस इन दिशा-निर्देशों के बिल्कुल विपरीत काम करती है। इन दिशा निर्देशों के साथ पुलिस के खेल को रख रहे हैं.

ये हैं दिशा-निर्देश
कारागार से बंदियों को पेशी पर लाने व ले जाने वाली पार्टी के लिए कई दिशा निर्देश दिए गए हैं, लेकिन होता इसके उल्टा है। निर्देश में कहा गया है कि जिला कारागार में निरुद्ध बंदियों को जनपद के अंदर या जनपद के बाहर न्यायालय में पेशी हेतु लाते व ले जाते समय पुलिस कर्मियों द्वारा लापरवाही हो जाने के कारण बंदी भागने में सफल हो जाता है। इससे पुलिस विभाग की छवि धूमिल होने के साथ-साथ संबंधित कर्मचारी को विभाग से निष्कासित भी किया जा रहा है.

- पुलिस स्कॉर्ट अभियुक्त को जेल से प्राप्त करने के बाद सीधे उपलब्ध साधन रेल व बस से ही संबंधित न्यायालय में पेशी हेतु लेकर जाएंगे। किसी भी प्राइवेट या निजी वाहन से लेकर नहीं जाएंगे.
- अभियुक्त के द्वारा किसी भी प्रकार के प्रलोभन को स्वीकार नहीं करेंगे.
- अभियुक्त को जेल से प्राप्त व जमा करने के दौरान उसकी अच्छी प्रकार से तलाशी लेंगे कि उसके पास कोई आपत्तिजनक वस्तु तो नहीं है.
- अभियुक्त को किसी पीसीओ, एसटीडी या किसी भी मोबाइल फोन से बात नहीं कराएंगे.
- अभियुक्त को जेल से ही खाना खिलाकर ले जाएंगे, रास्ते में कहीं किसी होटल, ढाबे या चाय की दुकान पर खाना या चाय नहीं खिलाएंगे-पिलाएंगे.
- अभियुक्त को कोई सामान आदि नहीं खरीदने देंगे.
- अभियुक्त की किसी अनजान व्यक्ति से मुलाकात व बातचीत नहीं कराएंगे.
- अभियुक्त को ले जाते व वापस लाते समय हर समय विशेष सावधानी बरतेंगे।
- अभियुक्त को अपनी कस्टडी में लेने के बाद स्वयं एवं अभियुक्त को किसी भी दशा में नशीली वस्तु का प्रयोग नहीं करने देंगे।
- अभियुक्त को शौचालय ले जाते समय विशेष सतर्कता बरतेंगे ताकि अभियुक्त हिरासत से भाग न सके.
- कर्तव्य के समय व्यवहार कुशल रहे, लेकिन कर्तव्य का पालन दृढ़ता से करें.
- अभियुक्त को यात्रा के दौरान उसके परिचित रिश्तेदार दोस्त के यहां एवं प्राइवेट होटल आदि में न रोका जाए.
- यदि कभी बंदी छुड़ाने एवं भागने की घटना होती है तो सीयूजी नंबर 9454400297 एवं 9454402386 पर सूचना दें. 

ये भागे
- 20 नवंबर को परतापुर के रहने वाले शातिर बदमाश सोनू पुत्र कालीचरण, टंकी मोहल्ला श्रद्धापुरी कंकरखेड़ा का मंगल सिंह पुत्र धर्मवीर और टीकरी थाना दोघट बागपत का नितिन राठी पुत्र भोपाल राठी को पेशी पर लाया गया था। जिसमें इस दौरान सोनू ने सिपाहियों की आंखों में मिर्च झोंकी और फरार हो गया। वहीं बाकी को पुलिस ने दबोच लिया.
- छह अगस्त बुधवार को जतन सिरोही गैंग का शार्प शूटर और कंकरखेड़ा का हिस्ट्रीशीटर गौरव सिरोही नैनी सेंट्रल जेल से पेशी पर मेरठ आया था। आठ अगस्त को पेशी के बाद वापस जाते समय गाजियाबाद से गौरव सिरोही हथकड़ी समेत फरार हो गया था। जिसको पुलिस ने कुछ ही घंटों बाद गिरफ्तार कर लिया था.
- 31 जुलाई को बुलंदशहर के बीबी नगर में दो सिपाहियों को बेहोश करके और इनकी राइफल लूटकर एक शातिर अपराधी इंद्रपाल फरार हो गया था.
- 18 मई को बदायूं जेल से मेरठ में पेशी पर लाया जा रहा शातिर अपराधी अमित पंवार अमरोहा आउटर में ट्रेन से कूदकर फरार हो गया था.
- 25 अप्रैल को मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन वार्ड में भर्ती हत्यारोपी इरफान भर्ती था। जिसने रात को मौका देखा और हथकड़ी खोलकर फरार हो गया.
- 23 मई को बिजनौर जेल से मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती सिपाही टॉयलेट के बहाने खिड़की से कूदकर फरार हो गया था.
- तीन अप्रैल 2013 को एक तरफ चेकिंग चल रही थी और दूसरी तरफ पुलिस वाले मोबाइल पर बंदी को बात करा रहे थे.

ताजा तरीन मामला
29 मई 2013 को ट्रिपल मर्डर केस के मुख्य आरोपी हाजी इजलाल को जेल से फर्जी पेशी पर लाए जाने की बात सामने आई थी, जिसको अय्याशी के लिए हवालात के बजाय अधिवक्ता के चैंबर में ले जाया गया था। यही नहीं उसको होटल में अय्याशी कराने की बात भी सामने आई थी। इसके चलते दो सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया गया था.