RANCHI : सिटी के अलग-अलग थानों में हजारों गाडि़यां अपने अंतिम सांस ले रही हैं। गाडि़यां पूरी तरह से बर्बाद हो रही हैं। गर्मी, बरसात, सर्दी सब मौसम में ये यहां खुले में ही पड़ी रहती हैं। इस कारण बरसाती लताओं व घास ने इन गाडि़यों को अपने आगोश में लेना शुरू कर दिया है। शेड नहीं होने की वजह से यह वाहन यहां पड़े-पड़े ही सड़ रहे हैं। लेकिन इन्हें देखने वाला कोई नहीं है। ये गाडि़यां अलग-अलग दुर्घटनाओं के बाद पुलिस द्वारा जब्त की गई हैं। इनमें विभिन्न कंपनियों की मोटर बाइक के अलावा कई चार पहिया वाहन भी हैं। मरम्मत से भी इन गाडि़यों को ठीक नहीं किया जा सकता। अकेले कोतवाली थाने में ही हजार से भी ज्यादा गाडि़यां कबाड़ हो रही हैं। सुखदेव नगर थाने में भी पांच सौ से ज्यादा गाडि़यां इसी हाल में पड़ी हुई हैं। इसके बाद भी इनके निस्तारण का इंतजाम नहीं किया जा रहा है।

लाखों की गाडि़यां अब कौड़ी की भी नहीं

कभी लाखों रुपए की कीमत वाली ये गाडि़यां अब ऐसी हो चुकी हैं कि इन्हें कौडि़यों के भाव भी कोई खरीदना नहीं चाहेगा। समय पर नीलामी कर दी जाती तो इसके अच्छे कीमत मिल जाते। सुखदेव नगर थाने के पुलिस पदाधिकारी ने बताया कि कई साल पहले एक बार नीलामी हुई थी। उसके बाद से दोबारा नीलामी नहीं हुई। नीलामी की प्रक्रिया भी काफी जटिल है। इसलिए कोई बड़ा अधिकारी इसमें दिलचस्पी नहीं लेता।

क्या है नियम?

लावारिस हाल में मिले वाहन या चोरी, डकैती, लूट में शामिल गाडि़यों को जब्त करने के छह महीने बाद ही इसके निस्तारण की प्रक्रिया हो जानी चाहिए। धारा 102 के तहत इसे पुलिस रिकॉर्ड में लिया जाता है। इसके बाद कोर्ट को इसकी जानकारी दी जाती है। पोस्टर, पैम्फलेट व न्यूजपेपर के माध्यम से गाड़ी मालिकों तक सूचना पहुंचाने का प्रयास किया जाता है। जिसके बाद गाड़ी मालिक इस प्रकरण के कोर्ट में निपटारे के बाद ही थाने से जब्त वाहन को ले जा सकते हैं। गाड़ी के कोई दावेदार नहीं मिलने की स्थिति में कोर्ट से आदेश लेकर इसका ऑक्शन किया जाता है।

वर्जन

लावारिस गाडि़यों के निस्तारण की जिम्मेवारी मालखाना इंचार्ज की होती है। थाना प्रभारी ही मालखाना के इंचार्ज होते हैं। लेकिन पूर्व थाना प्रभारी के ट्रांसफर के बाद अभी तक नए प्रभारी को मालखाना का चार्ज नहीं मिला है। थाने में पड़ी-पड़ी गाडि़यां सड़ रही है। कब इनका निस्तारण होगा कुछ कहा नहीं जा सकता।

एसके शर्मा, पुलिस पदाधिकारी, सुखदेवनगर थाना

वर्जन

जब्त गाडि़यों के ऑक्शन की प्रक्रिया काफी जटिल है। कोर्ट की ओर से आदेश होगा तो देखा जायेगा। अभी कुछ कहा नहीं जा सकता।

-श्यामनंदन मंडल, थाना प्रभारी,

कोतवाली थाना