हालांकि बाद में पुलिस द्वारा छोड़ दिए जाने के बाद उसने राहत की सांस ली। पहले उसे जेल ले जाया गया, फिर नाम्र्स पूरा कराने के बाद रिमांड पर पुलिस अगमकुआं थाने लाई। प्रमोद को मंगलवार की रात काटना मुश्किल लग रहा था। उसे अगमकुआं थाने के हवालात में रखा गया। यहां उसे गर्मी लग रही थी और मच्छर भी काट रहा था। कोई पुलिस वाला उसकी मदद को तैयार नहीं था, क्योंकि कभी भी सीनियर पुलिस ऑफिसर पूछताछ के लिए आ सकते थे।

डायबिटीक पेशेंट है प्रमोद

अपनी दबंगई को लेकर फेमस प्रमोद को पुलिस कस्टडी में जाने के बाद डर सा लग रहा है। वह डायबिटीज का पेशेंट बताया जाता है। भोजन करने के पूर्व वह खुद से ही इंजेक्शन लेता है। वह पुलिस का डंडा या डांट भी बर्दाश्त करने में अक्षम बताया जा रहा है। प्रेम सिंह को भी हेपेटाइटिस बी था। इस कारण वह बाजार का पानी नहीं पीकर हमेशा मिनरल वाटर ही यूज किया करता था। मिड नाइट में प्रमोद से पुलिस ने पूछताछ करने का काम किया। उसे भरोसा दिलाया गया कि आप पूछे गये सवाल का जवाब सही ढंग दें, तो आपके खिलाफ सख्ती नहीं की जायेगी। हालांकि सारी बातें सामान्य रूप से हुई। इस संबंध में कोई भी पुलिस ऑफिसर जांच चलने की बात कह बोलने से कतरा रहे थे।

बार-बार दबाव बना रही थी पुलिस

प्रमोद यादव ने भले ही कोर्ट में सरेंडर कर दिया और पुलिस ने उसके बेटे मनीष को छोड़ दिया, पर उसके फैमिली मेंबर्स अब भी डरे-सहमे हैं। प्रमोद के बेटे गौरव व मनीष ने कहा कि उसके पिता व भाइयों को साकेत के बारे में कुछ पता नहीं था। असल में अगमकुआं के शीतला माता मंदिर के आगे लोहा गोदाम के बगल में करीब 14 क_े का प्लॉट है, जिसे लेकर डिसप्यूट चल रहा था। उसने बताया कि बार-बार पुलिस द्वारा पापा पर दबाव बनाया जा रहा था। उस जमीन की डिग्री भी हो चुकी है। उसे लेकर कई बार पापा को बुलाया भी गया था। जमीन का कागज भी दिखाया गया था। इसमें कुछ पुलिस ऑफिसर काफी सीरियस थे। उनका कहना था कि प्रेम अंकल का भी साकेत हत्याकांड से लेना-देना नहीं था, पर कैसे उनके साथ इस तरह का इंसीडेंट हो गया, हम सब स्तब्ध हैं।