- लंका में पकड़े गए अमोनियम नाइट्रेट के मालिक की तलाश में पुलिस टीम ने बिहार कैमूर में डाला डेरा

-पुलिस का दावा, बरामद विस्फोटक के मालिक की हुई पहचान

- मुम्बई बम धमाकों के बाद सेंट्रल गवर्नमेंट ने किया है इसको प्रतिबंधित

VARANASI: बैन के बाद भी बनारस में 145 किलो अमोनियम नाइट्रेट के पकड़े जाने के बाद पुलिस सहित केन्द्रीय खुफिया विभाग की नींद उड़ गई है। चूंकि बनारस पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र है और हाल ही में होम मिनिस्ट्री ने ये अलर्ट जारी किया था कि यहां आतंकी हमला हो सकता है। इसलिए सेंट्रल गवर्नमेंट अब बनारस में सिक्योरिटी को लेकर कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं है। यही वजह है कि पुलिस ने अपनी एक्टिविटी बढ़ा दी है और बरामद अमोनियम नाइट्रेट के असली मालिक तक पहुंचने का दावा कर रही है। पुलिस के आला अधिकारियों का दावा है कि गाड़ी में मिले डीएल के आधार पर पुलिस की एक टीम ने बिहार कैमूर में जांच शुरू की तो पता चला कि बनारस में पकड़ी गई अमोनियम नाइट्रेट (विस्फोटक) लदी कार कैमूर ही आ रही थी। पुलिस की मानें तो ये विस्फोटक किसी गलत काम के लिए नहीं बल्कि पहाड़ों को तोड़ने के लिए इस्तेमाल होना था। हालांकि इस विस्फोटक की बरामदगी के बाद पुलिस के हत्थे अब तक कोई नहीं चढ़ा है।

होंगे arrest

इस बारे में एसपी सिटी राहुल राज ने बताया कि बिहार कैमूर गई पुलिस टीम को बनारस में बरामद विस्फोटक के मालिक का पता चल चुका है। पुलिस उसके ऑफिस तक पहुंच गई है लेकिन मौके पर कोई नहीं मिला। इसके अलावा जिस कार का इस्तेमाल विस्फोटक ले जाने के लिए किया जा रहा था। उसके मालिक को भी आईडेंटीफाई कर लिया गया है। उसकी पहचान कैमूर के ही विनोद सिंह के रूप में हुई है। एसपी सिटी की मानें तो विनोद कैमूर में पिछले कई सालों से पहाड़ तोड़ने का काम कर रहा है। इस काम में वह अमोनियम नाइट्रेट का यूज करता है। पुलिस का दावा है कि आरोपी जल्द गिरफ्त में होंगे।

पहली बार 2005 में हुआ था यूज

इतनी बड़ी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट का पकड़ा जाना पुलिस को इसलिए परेशान कर रहा है क्योंकि बनारस में अब तक हुए आतंकी धमाकों में अमोनियम नाइट्रेट का ही यूज किया गया था। पहली बार 2005 में दशाश्वमेध घाट पर हुए बम ब्लास्ट में इसका इस्तेमाल हुआ था। पहले इस घटना को सिलिंडर का फटना बताया गया था लेकिन बाद में जांच में पता चला था कि वारदात को आतंकियों ने अंजाम दिया था। जिसमें नौ लोगों की जान चली गई थी। इसके बाद कैंट स्टेशन, संकटमोचन मंदिर, शीतला घाट पर आतंकी घटनाएं हुई जिसमें इस विस्फोट के इस्तेमाल की पुष्टि हुई थी।

लगा है ban

आतंकी संगठनों द्वारा बम बनाने में लगातार इसका इसका यूज किए जाने पर सेंट्रल गवर्नमेंट ने कुछ साल पहले अमोनियम नाइट्रेट को विस्फोटक घोषित कर दिया था। औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) द्वारा विस्फोटक अधिनियम-क्98ब् के तहत जारी अधिसूचना में कहा गया है, कि 'सेंट्रल गवर्नमेंट यह घोषणा करती है कि अमोनियम नाइट्रेट या ब्भ् फीसदी से अधिक अमोनियम नाइट्रेट की मात्रा वाला कोई भी इसका मिश्रण विस्फोटक माना जाएगा.' मुंबई में हुए बम धमाकों के बाद सरकार ने अमोनियम नाइट्रेट की खुली बिक्री पर लगाम कसने के लिए यह डिसीजन लिया था।