आगरा (ब्यूरो)। थाना पुलिस द्वारा बीट पर कार्य करने वाले पुलिसकमियों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अंतर्गत पुलिसकर्मी तय बिन्दुओं पर पूछताछ कर जानकारी हासिल करेंगे। इसका रिकॉर्ड मेनटेन करेंगे। इसके साथ ही अगर कोई आपराधिक गतिविधियों में लिप्त पाया जाता है और लाइसेंसधारक के नाम मुकदमा कायम है, तो रिकॉर्ड में इसको भी दर्ज किया जाएगा।

ब्योरा नहीं देने पर बढ़ेगी मुश्किल

अगर कोई लाइसेंसधारी पुलिस द्वारा मांगी गई जानकारी देने में ना मुकुर करता है, तो उसकी मुश्किल बढ़ सकती है। पुलिस उसकी रिपोर्ट संबंधित विभाग को भेजने के साथ ही गंभीर अनियमितता मिलने पर रिपोर्ट दर्ज करने की कार्रवाई भी कर सकती है। वीपंस लाइसेंस के लिए भी संस्तुति की जा सकती है।

इन बिन्दुओं पर देना होगा जवाब

- किस कारतूस को कब, कहां फायर किया गया।

- आत्मरक्षा में गोली चलाने पर रिकॉर्ड की होगी पड़ताल

- कारतूस खरीद में गड़बड़ी पर दुकानदार पर होगी कार्रवाई

 

जिले में लाइसेंस धारकों की संख्या

- 45 हजार से अधिक

- नए लाइसेंस के लिए आवेदन - 6500

- जिले में थाने - 43

 

'लाइसेंस धारक अपने हथियार से हर्ष फायरिंग नहीं कर सकते, इसके साथ ही खरीदे गए कारतूस और खाली खोखों का भी हिसाब देना होगा। इसके लिए बीट सिपाही को जिम्मेदारी दी गई है। वह घर-घर जाकर रिकॉर्ड चेक करेगा.'

- प्रवीण सिंह मान, प्रभारी निरीक्षक हरीपर्वत

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