-बार-बार सड़क जाम करने वालों कसेगा शिकंजा

-हर मांग को पूरी कराने के लिए सड़क पर उतरती पब्लिक

GORAKHPUR: जिले में होने वाले किसी बवाल पर सड़क जाम करना महंगा पड़ सकता है। हाइवे पर जाम लगाकर यातायात बाधित करने के मामले में पुलिस कार्रवाई कर सकती है। सड़क जाम के दौरान पब्लिक को होने वाली परेशानियों को देखते हुए सख्ती बरतने की तैयारी हो चुकी है। पुलिस अफसरों का कहना है कि पूर्व में कई बार मुकदमे दर्ज कराकर कार्रवाई हो चुकी है। सड़क जाम करने वालों की वजह से आम पब्लिक को सांसत झेलनी पड़ती है।

प्रॉब्लम कहीं की हों, आक्रोश्ा सड़क पर

कई बार ऐसा हुआ है कि बवाल कहीं पर हों, किसी भी विभाग से जुड़ा हो। पब्लिक के आक्रोशित होने पर राहगीरों को खामियाजा भुगतान पड़ता है। जाम लगाकर प्रदर्शन करने वालों की मान-मनौव्वल करने में घंटों गुजर जाते हैं, जिससे राहगीर परेशान होते हैं। कई बार पुलिस को बेवजह की फजीहत झेलनी पड़ती है। कानून-व्यवस्था को संभालने के चक्कर में थानेदार हलकान हो जाते हैं। अफसरों को दिनभर लोगों को खरी-खोटी सुननी पड़ती है।

आसान तरीका, जाम कर दो सड़क

किसी भी मामले में प्रदर्शन का सबसे आसान तरीका सड़क माना गया है। पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि बात-बात में लोग सड़क जाम करने लगे हैं। गली-मोहल्ले या घर के आसपास होने वाली हर घटना पर पब्लिक सड़क पर उतर आती है। कार्रवाई की मांग को लेकर कभी-कभी जमकर मनमानी की जाती है। इससे इमरजेंसी में निकले लोग हलकान होते हैं। खासकर तब किसी पेशेंट को अस्पताल ले जाना होता है। ऐसे में एंबुलेंस जैसी इमरजेंसी सेवाओं के वाहन भी फंसे रहते हैं। सड़क जाम करने पर पुलिस अलग-अलग धाराओं में मुकदमे दर्ज करती है। पुलिस अफसरों का कहना है कि इन मुकदमों में एक माह से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। इसके साथ अर्थ दंड भी लगाया जा सकता है।

इन वजहों से जाम करते सड़क

किसी मामले में पुलिस कार्रवाई की मांग की लेकर

खराब सड़क पर एक्सीडेंट, मौत के बाद निर्माण की मांग

बिजली सप्लाई बाधित होने, घंटों समस्या बनी रहने पर नाराजगी

प्रशासनिक अफसरों से शिकायत के बाद कोई कार्रवाई न होना

धाराएं विवरण सजा

147 बलवा दो साल

148 घातक हथियार के साथ तीन वर्ष

149 विधि विरुद्ध जमाव अपराध के अनुसार सजा

341 रोकना आगे न बढ़ने देना एक माह

336 किसी का जीवन खतरे में डालना तीन माह

427 तोड़फोड़, क्षतिग्रस्त करना दो साल की सजा

342 किसी को पकड़ लेना, किसी तरफ न जाने देना एक साल

353 किसी पर हमले के लिए दौड़ाना, हमलावर होना दो साल का कारावास

332 सरकारी कर्मचारी को भय दिखाना, मारपीट करना तीन साल

3/4 लोक संपति क्षति निवारण अधिनियम तीन माह से पांच साल

7 सीएलए ज्यादा उत्पात होने पर

सड़क जाम कर प्रदर्शन के मामले

27 नवंबर 2018: झंगहा एरिया में अधेड़ की हत्या के आक्रोश में नई बाजार में सड़क जाम, प्रदर्शन

16 अक्टूबर 2018: पिपराइच एरिया में पूर्व प्रधान के बेटे की हत्या से आक्रोशित लोगों ने डेडबॉडी को सड़क पर रखकर प्रदर्शन किया।

01 अगस्त 2018: कैंट एरिया के रानीडीहा में विजय कुमार उर्फ झीनू की हत्या, गिरफ्तारी की मांग को लेकर जाम लगाया।

10 मार्च 2018: यूनिवर्सिटी मेन गेट के सामने एक्सीडेंट, मौत के बाद ब्रेकर की मांग को लेकर छात्रों ने घंटों सड़क जाम किया। प्रदर्शन से अफरा-तफरी मची रही।

18 जनवरी 2018: कौड़ीराम में आलू व्यापारी पर हमला करके लूट से गुस्साएं लोगों ने गोरखपुर-वाराणसी हाइवे जाम करके कार्रवाई की मांग उठाई।

वर्जन

हाइवे जाम करने पर पूर्व में मुकदमे दर्ज किए गए हैं। धारा 144 लागू होने के दौरान बिना अनुमति किसी तरह के प्रदर्शन की मनाही होती है। कई बार प्रदर्शनकारी अराजकता पर उतर आते हैं। सड़क जाम से आमजन को भी समस्याएं उठानी पड़ती है। ऐसे में कार्रवाई की आवश्यकता पड़ती है। बेवजह हर मामले में सड़क जाम कर प्रदर्शन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।

विनय कुमार सिंह, एसपी सिटी