ब्रिटिश जमाने से चली आ रही क्रॉस बेल्ट लगाने की प्रथा

पुलिसकर्मी से लेकर अधिकारी तक नहीं लगाएंगे क्रॉस बेल्ट

अब सिर्फ मंच पर जो अधिकारी सलामी लेगा वह लगाएगा क्रॉस बेल्ट

Meerut। गणतंत्र दिवस की परेड पर इस बार ब्रिटिश जमाने से चली आ रही पुलिसकर्मियों से लेकर अधिकारियों तक की क्रॉस बेल्ट लगाने की प्रथा खत्म होगी। दरअसल, अब राष्ट्रीय पर्व, सरकारी कार्यक्रम या फिर राज्यपाल और उपराष्ट्रपति को सलामी के दौरान पुलिसकर्मी और अधिकारी क्रॉस बेल्ट लगते हैं। अब नए नियमों के मुताबिक गणतंत्र दिवस पर क्रॉस बेल्ट सिर्फ वो अधिकारी लगाएंगे जो मंच से सलामी लेंगे। इसके साथ ही कुछ पुलिसकर्मी जो तलवार रखेंगे, वो क्रास बेल्ट लगाएंगे, दरअसल, इस बेल्ट में तलवार रखने की जगह होती है।

200 साल की परंपरा

गौरतलब है कि 200 साल से क्रॉस बेल्ट लगाने की प्रथा देश में चल रही थी, जिसको अब खत्म किया गया है। लखनऊ से लिखित आदेश आया है कि जो अधिकारी मंच से सलामी लेगा, वह ही क्रॉस बेल्ट लगाएगा। इसके अलावा एडिशनल एसपी, डिप्टी एसपी समेत कोई भी अधिकारी क्रॉस बेल्ट नहीं लगाएगा। जो पुलिसकर्मी परेड में तलवार लगाकर रखेंगे वह भी क्रॉस बेल्ट लगाएंगे।

शासन का आदेश

गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, गांधी जयंती या फिर कोई सरकारी कार्यक्रम में ही क्रॉस बेल्ट लगाई जाती थी। इसके अलावा इस बेल्ट का प्रयोग नहीं होता था। खासतौर से पुलिस की वर्दी में जो पेंट पर लगाकर पहनी जाती है वह बेल्ट पुलिस की अनिवार्य होती है। इस बार बेल्ट का प्रयोग न होने से दुकानों पर क्रॉस बेल्ट नहीं बिकी है। पुलिस की शान रहने वाली क्रॉस बेल्ट अब चलन से बाहर हो गई है।

अब किसी भी राष्ट्रीय पर्व या फिर सरकारी कार्यक्रम राज्यपाल को सलामी देने में अब क्रास बेल्ट नहीं लगाई जाएगी। शासन ने इसको मना कर दिया है। केवल वह अधिकारी बेल्ट लगाएगा जो मंच पर सलामी लेगा, इसके अलावा कोई बेल्ट नहीं लगाएगा।

होरी लाल सिंह, प्रतिसार निरीक्षक