टॉयलेट जैसी मूलभूत सुविधा तक नहीं, मास्क भी खुद ही खरीद रहे

PATNA : शहर का गांधी मैदान इलाका हो या राजापुल, पाटलिपुत्रा, इनकम ट्रैक्स या फ्रेजर रोड पर स्थित मे आई हेल्प यू बूथ। इन बूथों पर दिनभर हमारी सुविधा के लिए तैनात रहने वाले ट्रैफिक और पुलिस कर्मी खुद ही सुविधाओं के अभाव में लाचार बने हैं। किसी बूथ पर पुलिस कर्मियों के बैठने के लिए कुर्सियां नहीं हैं तो कहीं महिला कर्मियों के लिए टॉयलेट की व्यवस्था नहीं है। किसी बूथ के छत से बारिश के बाद पानी टपकने लगता है।

टॉयलेट की फैसिलिटी नहीं

शहर में जितने भी मे आई हेल्प यू बूथ हैं उनमें सबसे बड़ी समस्या टॉयलेट को लेकर है। हमारी और आपकी सुरक्षा के लिए तैनात पुरुष कर्मी तो किसी तरह से आसपास के मॉल या पेट्रोल पंप पर जाकर काम चला लेते हैं। लेकिन महिला कांस्टेबलों के लिए यह स्थिति बहुत ही गंभीर है। महिलाओं को टॉयलेट के लिए किसी जगह 200 मीटर तो कहीं 500 मीटर से भी दूर जाना पड़ता है। राजापुर पुल के पास तैनात एक महिला कर्मी ने बताया कि जब से यहां पर मेरी ड्यूटी लगी है तब से इस बूथ में कोई नया काम नहीं किया गया है। टॉयलेट के लिए 200 मीटर दूर स्थित पेट्रोल पंप पर जाना पड़ता है।

कारगिल चौक के बूथ में टपकता है पानी

दिनरात गाडि़यों की आवाजाही से व्यस्त रहने वाले कारगिल चौक के बूथ में तैनात रहने वाले कर्मियों के लिए भी टॉयेलट को लेकर बड़ी समस्या है। यहां पर बूथ में सुविधा के नाम पर बस चार दिवारी का एक डब्बा बचा हुआ है। इसी बूथ पर तैनात एक कांस्टेबल ने बताया कि बारिश के मौसम में इसकी छत जगह-जगह से टपकती है। बारिश के टपकती छत के समय हमने किसी तरह से ड्यूटी निभाई। इस समस्या पर जिम्मेदारों से महीनों पहले शिकायत की गई थी लेकिन अभी तक छत को रिपेयर नहीं किया गया है।

- नहीं मिलता पीने का भी पानी

शहर में गोलंबर और चौराहों पर स्थित बूथों में पानी को लेकर बड़ी समस्या है। कई बूथों पर कॉस्टेबलों ने बताया कि पहले पीने के लिए पानी का डिब्बा आता था लेकिन कई माह से यह भी बंद हो गया है। सप्लाई वाले से शिकायत की गई लेकिन उसकी लापरवाही के चलते अब खुद ही दूसरी जगह से पानी मांगना पडता है। वह पानी भी इतना अच्छा नहीं होता है कई महिला कांस्टेबल तो खुद घर से पानी ला रही है।

किसी भी ट्रैफिक कर्मी को मास्क नहीं

जिस प्रदूषित हवा में हम एक पल के लिए भी नहीं रुकना चाहेंगे। उस हवा में ट्रैफिक कर्मी साधारण सा मास्क लगाकर दिनभर गाडि़यों से निकलने वाले जहरीले धुंए के बीच तैनात रहते हैं। इस समस्या पर बात करते हुए इनकम ट्रेक्स गोलंबर पर एक ट्रैफिक कर्मी ने बताया कि कई बार तो लगता है ऑक्सीजन अंदर जा ही नहीं रही है। बस केवल धूल-मिट्टी अंदर जा रही है। धूल और धुएं से बचने के लिए हम खुद ही मास्क खरीद कर पहन रहे हैं, लेकिन दिनभर की ड्यूटी के लिहाज से ये मास्क उतने कारगर नहीं हैं।

वर्जन

सुविधाओं को लेकर हम लोगों ने बैठक की है। टॉयलेट के साथ बाकी जरुरतों को भी संज्ञान में लेकर पूरा किया जाएगा।

डी अमरकेश, ट्रैफिक एसपी, पटना