दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टी-प्वाइंट डिबेट-टी मिलेनियल्स स्पीक में थर्सडे को स्पो‌र्ट्स स्टेडियम में डिबेट हुई। डिबेट में प्लेयर्स और कोच शामिल हुए। इसमें यूथ ने अपनी बेबाक राय रखी और बताया कि आगामी लोकसभा चुनाव में वह किस तरह का नेता चुनना चाहते हैं। प्लेयर्स की डिबेट में करप्शन, आरक्षण सिक्योरिटी, एजुकेशन और देश की सिक्योरिटी का मुद्दा छाया रहा। यूथ ने खुलकर अपनी राय रखते हुए कहा कि जो साफ छवि वाला और पढ़ा लिखा होगा उसे ही वह अपना नेता चुनेंगे। ताकि वह यूथ और देश दोनों की समस्याओं के लिए काम कर सके।

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आज केसीएमटी में दोपहर सुबह 11 बजे से होगी स्टूडेंट्स और टीचर्स के साथ डिबेट

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मेरी बात

प्लेयर्स के लिए सुविधाएं बढ़ाई जाएं, ताकि सभी प्लेयर्स अच्छी तरह प्रैक्टिस कर सकें और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकें, लेकिन ऐसा नहीं हो पता है। इसीलिए गेम्स की तरफ कम ही लोग आते है और जो आते भी हैं कई बार वह सुविधाओं के अभाव में प्रैक्टिस छोड़ देते हैं। क्योंकि, वह बगैर सुविधाओं के प्रैक्टिस नहीं कर पाते हैं। इसीलिए प्लेयर्स को तो सुविधाएं मिलनी ही चाहिए। इसीलिए इस बार तो यूथ और पढ़ा लिखा नेता ही यूथ चुनेगा।

सीपी सिंह

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कड़क बात

यूथ तो सिर्फ यही सोचकर वोट करता है कि उसे रोजगार मिल जाएगा और सरकार भी यही दावा करती है कि यूथ को रोजगार मुहैया कराएगी। लेकिन हकीकत में यूथ हर बार भटकता रह जाता है। चाहे वह स्पो‌र्ट्स कोटा का हो या फिर साधारण पढ़ा-लिखा हो। स्पो‌र्ट्स कोटा तो अपने यहां पर है, लेकिन उतनी मात्रा में नहीं है कि सभी प्लेयर्स को कोटा के तहत लाभ मिल सके। इसीलिए यूथ इस बार गुमराह करने वालों को वोट नहीं देगा।

प्लेयर्स को बाते नहीं सुविधाएं मिलें

स्टेडियम में जैसे ही डिबेट शुरू हुई तो अजय कश्यप ने कहा कि प्लेयर्स के लिए सरकार से सुविधाएं मिलनी चाहिए, खाली बातों से काम नहीं चलता है। क्योंकि प्लेयर्स के नाम पर आता तो बहुत कुछ है, लेकिन हकीकत क्या है वह प्लेयर्स ही जानता है। तभी अनुष्का ने कहा कि जब कोई प्लेयर मेडल जीत लेता है तो पूरे देश की नजरें उस पर होती हैं और तमाम घोषणाएं और सुविधाओं की बात शुरू हो जाती है, लेकिन मेरा कहना है कि सरकार को चाहिए कि जो भी प्लेयर्स प्रैक्टिस करते हैं उन्हें ऐसी सुविधाएं दी जाएं कि वह भी मेडल ला सकें, लेकिन हमारी सरकार तो मेडल जीतने के बाद ही कुछ करती है इससे पहले तो सुविधाएं मुहैया कराना भी उचित नहीं समझती। इससे प्लेयर्स में भी मायूसी है। तभी गार्गी ने बात को बढ़ाते हुए कहा कि प्लेयर्स के लिए पहले से ही प्रमोट किया जाए उसे सुविधाएं दी जाए तो देश में जहां गिनती के मेडल आते हैं वहां कई और भी मेडल आ सकते हैं, लेकिन प्लेयर्स की सुविधाओ पर ध्यान ही नहीं जाता है। इसीलिए कई प्लेयर्स थक कर बीच में ही प्रैक्टिस छोड़ बैठते हैं।

करप्शन पर लगे रोक

इसी बीच डिबेट में स्पो‌र्ट्स की बात को ब्रेक देते हुए नीतू राजपूत ने कहा कि स्पो‌र्ट्स की सुविधाएं हो या कोई और क्षेत्र, हमारे यहां करप्शन इतना हावी है कि पब्लिक के पास पूरी सुविधाएं पहुंच ही नहीं पाती हैं। इसीलिए पब्लिक परेशान होती है। तभी अंजलि ने बात को बढ़ाते हुए कहा कि करप्शन की शुरूआत हम लोग ही करते है। तो क्यों न पहले हम लोग अपने अंदर सुधार करें, तभी तो करप्श्न खत्म होगा। जब तक हम लोग खुद को नहीं बदलेंगे कुछ नहीं होने वाला है। अहमद रजा ने कहा कि हम लोग बदलाव तो चाहते हैं, लेकिन खुद में नहीं हमेशा दूसरो में चाहते हैं। मेरा कहना है कि जब तक हम लोग खुद में बदलाव नहीं लाएंगे तब तक कुछ नहीं होगा। हम चाहते हैं कि करप्शन खत्म हो जाए लेकिन इसके लिए हम खुद कुछ नहीं करना चाहते हैं। इसके लिए सबसे पहले हम लोगों को रिश्वत न देने के लिए पहल करनी होगी।

स्किल डेवलपमेंट पर हो ध्यान

डिबेट में शामिल प्लेयर्स का कहना था कि हायर एजुकेशन लेने के बाद भी लोगों को घर बैठना पड़ता है। इंप्लॉयमेंट की क्राइसिस कम होने की जगह बढ़ रही है। इसके लिए सरकार को स्किल बेस्ड एजुकेशन देना चाहिए। ताकि बेरोजगारी में कमी लाई जा सके। तभी अहमद खां ने कहा कि सरकार स्किल बेस्ड एजुकेशन पर जोर तो देर रही है, लेकिन उसका स्टूडेंट्स को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है और बेरोजगारी बढ़ रही है।

सिक्योरिटी भी अहम मुद्दा

बात सिक्योरिटी की आई तो गोपाल सिंह ने कहा कि इस समय सबसे अहम मुद्दा देश की सिक्योरिटी का है। होना भी चाहिए, इसके लिए सरकार को कोई ऐसा कदम उठाना चाहिए कि आतंकवाद पर अंकुश लग सके। तभी बात को ब्रेक करते हुए चहल ने स्मार्ट सिटी का मुद्दा उठा दिया। बोले कि हमारा शहर स्मार्ट सिटी में शुमार कर गया है। हम चाहते हैं कि स्मार्ट सिटी बन जाए लेकिन हमें कुछ भी न करना पड़े। ऐसे तो शहर स्मार्ट नहीं बन सकता, बल्कि शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए पहले यहां के नागरिकों को स्मार्ट होना होगा, तभी शहर स्मार्ट होगा। इस पर सभी ने हामी भी भरी।

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पब्लिक की बात

-कोई भी सरकार आती है तो वह घोषणाएं तो तमाम करती है, लेकिन हकीकत तो बाद में ही पता चलती है जब वह काम करती है। इसीलिए पब्लिक बदलाव करती है।

अजय कश्यप

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हम सभी के लिए देश की सिक्योरिटी अहम मुद्दा है। इस बार जो देश की सिक्योरिटी की बात करेगा, यूथ उसी के साथ होगा। क्योंकि यूथ अब गुमराह होने वाला नहीं है।

मो। जाकिर

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-महिला सुरक्षा के साथ देश की सुरक्षा की बात हो। तभी महिला और यूथ का साथ मिलेगा। हर बार दावे तो बहुत होते है, लेकिन महिलाएं सुरक्षित महसूस करें इसके लिए कुछ भी नहीं किया जाता है।

गार्गी

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-प्लेयर्स को सरकार शुरू से सुविधाएं दे ताकि वह अच्छा प्रदर्शन कर सकें, लेकिन सरकार तो मेडल जीतने वालों पर ही मेहरबान होती है। ऐसा नहीं होना चाहिए, प्रैक्टिस करने वालों की भी समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए।

अनुष्का

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-करप्शन पर अंकुश लगाने के लिए हम सभी को संकल्प करना होगा तभी करप्शन को खत्म किया जा सकता है। सरकारी तंत्र इतना भ्रष्ट हो गया है कि बगैर रिश्वत के कुछ कराना मुश्किल है।

नीतू

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एजुकेशन सिस्टम में बदलाव हो ताकि पढ़े लिखे लोगों को तो रोजगार मिल सके। एजुकेशन लेने के बाद भी लोग रोजगार नहीं पाते यह भी एक गंभीर समस्या है।

दीक्षा गंगवार

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-स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की जरूरत है, सुधार नहीं होने से ही पब्लिक परेशान होती है। स्वास्थ्य सेवाओं पर सरकार भरपूर पैसा खर्च कर रही है लेकिन हकीकत क्या है वह पब्लिक जानती है।

अंजलि

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-सरकार की तरफ से जो भी योजनाएं लागू होती हैं, उसका लाभ पात्रों को कम और अपात्रों को अधिक मिल जाता है। रीजन इसके लिए प्रभावी ढंग से लागू नहीं कराया जाता है।

अहमद रजा