- महिलाओं ने लगाया एक हजार लेने का आरोप

- अनशन में शामिल होकर कार्रवाई को मांगे थे रुपए

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : भूमि पर अवैध कब्जे से परेशान फैमिली को हर जगह परेशान होना पड़ रहा है। डीएम आफिस पर अनशन कर रही सावित्री की फैमिली को जबरन हटा दिया गया। प्रशासन ने जहां उसके साथ ज्यादती की। वहीं नेताओं ने धरना प्रदर्शन के लिए रकम ऐंठ ली। जबरन अनशन तुड़वाने से परेशान सावित्री ने नेता की फजीहत कर दी। कलेक्ट्रेट में घूमने वाले नेता की पोल खोल दी।

सरेआम रोककर मांगने लगे पैसा

खजनी की सावित्री और उसके परिवार के लोग कलेक्ट्रेट में धरने पर बैठे थे। आरोप है कि थर्सडे को प्रशासन ने उनको जबरन हटवा दिया। देर शाम पुलिस पहुंची और सावित्री को एबुलेंस में भरकर जिला अस्पताल ले गई। न्याय न मिलने से पूरा परिवार परेशान हो गया। कलेक्ट्रेट में अनशन के दौरान नेताओं ने मदद के नाम पर गरीब परिवार रुपए ऐंठ लिए। मदद न मिलने पर फैमिली मेंबर्स ने नेताओं की तलाश शुरू कर दी।

कलेक्ट्रेट में घूमते मिले नेता, हो गई फजीहत

सैटर्डे दोपहर करीब एक बजे सावित्री अपने परिवार के लोगों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंची। अचानक ही एक नेता को देखकर लोग चिल्लाने लगे। पकड़ो-पकड़ो, इसने पैसा लिया है। लोगों का ध्यान उनकी तरफ गया। तब नेता और सावित्री की फैमिली आमने सामने थी। महिलाओं ने नेता पर एक हजार लेने का आरोप लगाया। सबके सामने उनकी फजीहत कर दी। परेशान हाल नेता की आंखों में आंसू आ गए। नेता ने खुद को बेकूसर बताया। कहा कि पता नहीं किसको पैसा दिया है। मैंने सिर्फ दो सौ लिए थे। सौ रुपया इनके कामकाज में खर्च कर दिया। सौ रुपया ले लीजिए। हंगामा होने की सूचना पर पुलिस पहुंच गई। किसी तरह से मामला शांत कराया गया। आरोपी नेता लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं।

काफी पहले हुई थी जान पहचान

सावित्री के साथ आए देवीलाल ने बताया कि बहुत पहले धरना प्रदर्शन में नेता से जान पहचान हुई थी इसलिए उन पर भरोसा करके रुपए दे दिए। डॉक्टर संजय की तरफ से विशाल धरना प्रदर्शन किया गया था। इसमें देवीलाल भी आया था। इस दौरान उसकी हरीराम से जान पहचान हो गई थी।

इन लोगों ने मदद मांगी थी। इसलिए साथ खड़ा हो गया। दो सौ रुपए लिया था। इनके एप्लीकेशन को टाइप कराने, फोटोकापी कराकर बांटने में खर्च हो गए। एक हजार मांगने का आरोप झूठा है।

हरीराम, मददगार नेता