31 मई को जायेंगे सिंगापुर
सिंगापुर (पीटीआई)।
अगले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडोनेशिया और सिंगापुर की यात्रा पर जाने वाले हैं। राजनीतिक विशलेषकों का मानना है कि मोदी के इस दौरे से भारत और दक्षिणपूर्व एशियाई देशों के बीच आपसी तालमेल बेहतर होगा और इससे इन देशों के बीच होने वाले व्यापार में भी सुधार होगा। बता दें मोदी 29 मई को इंडोनेशिया पहुंचेंगे। इसके बाद वहां से 31 मई को तीन दिवसीय यात्रा के लिए सिंगापुर निकलेंगे। सिंगापुर में, मोदी वहां के समकक्ष के साथ मिलकर द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और शांगरी-ला में कई महत्वपूर्ण देशों के शीर्ष नेताओं के बीच भाषण देंगे।

शीर्ष नेताओं के सामने दुनिया को करेंगे संबोधित

इसके अलावा मोदी चीन, रूस, फ्रांस के शीर्ष नेताओं के सामने दुनिया को संबोधित करेंगे। यह शांगरी-ला वार्ता में पहली बार होगा जब भारतीय प्रधानमंत्री दुनिया के शीर्ष नेताओं के बीच अपना व्यापक विचार साझा करेंगे। चीन के शी चिनफिंग, रूस के व्लादिमीर पुतिन और फ्रांस के इमैनुएल मैक्रॉन के साथ अनौपचारिक लेकिन स्पष्ट बातचीत के बाद मोदी एशिया के सामने भारत से संबंधित कई ऐसे मुद्दे पेश करेंगे, जिनका समाधान आपसी तालमेल बेहतर करने के लिए बहुत जरूरी है।

भारत-प्रशांत क्षेत्र में भारत की सामरिक मुद्दों पर बात
राजनीतिक विशलेषकों का मानना ​​है कि भारतीय प्रधान मंत्री सभी प्रोटोकॉल को तोड़कर शीर्ष नेताओं के बीच भारत-प्रशांत क्षेत्र में भारत की सामरिक और शांतिपूर्ण भूमिका जैसे कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इंस्टीट्यूट ऑफ सीनियर रिसर्च फेलो एंड लीड (ट्रेड एंड इकोनॉमिक पॉलिसी) के डॉ अमितेंदु पालिट ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मोदी सिंगापुर की यात्रा के दौरान नवंबर 2014 में नायपीडो में घोषित भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का भी दुनिया के शीर्ष नेताओं के बीच जिक्र करेंगे।

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