अमे ई कौन पार्टी है यार। इसके बारे में तो पहले नय सुना रहा। इस बार तो ऐसी ऐसी पार्टी हैं कि नामै याद करना मुश्किल होइ रहा है। कहां से पैदा हो गई इतनी सारी पार्टियां। जी हां, दो लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने वाली डेढ़ दर्जन से अधिक राजनीतिक पार्टियों को लेकर शहरियों का ऐसा ही रियेक्शन है

कभी सुनी हैं ऐसी पार्टियां

- लोकसभा चुनाव में दोनों सीटों से 20 राजनीतिक पार्टियों के प्रत्याशी लड़ रहे हैं चुनाव

- वोटर भी हैं सरप्राइज, सामने आ रही हैं नई-नई पार्टियां

<अमे ई कौन पार्टी है यार। इसके बारे में तो पहले नय सुना रहा। इस बार तो ऐसी ऐसी पार्टी हैं कि नामै याद करना मुश्किल होइ रहा है। कहां से पैदा हो गई इतनी सारी पार्टियां। जी हां, दो लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने वाली डेढ़ दर्जन से अधिक राजनीतिक पार्टियों को लेकर शहरियों का ऐसा ही रियेक्शन है

कभी सुनी हैं ऐसी पार्टियां

- लोकसभा चुनाव में दोनों सीटों से ख्0 राजनीतिक पार्टियों के प्रत्याशी लड़ रहे हैं चुनाव

- वोटर भी हैं सरप्राइज, सामने आ रही हैं नई-नई पार्टियां

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: ये लोकसभा चुनाव मैदान में अपने प्रत्याशियों को उतारने वाली डेढ़ दर्जन से अधिक ऐसी राजनीतिक पार्टियां हैं, जिनका नाम शायद हर किसी के लिए नया है। इनके नाम सुनकर मतदाता सरप्राइज्ड हैं। दो लोकसभा सीटों से कुल ख्0 राजनीतिक पार्टियों के प्रत्याशियों ने नामांकन कराया है। निर्दलीय को मिलाकर कुल म्ख् प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। ऐसे में मतदाता चकराया हुआ नजर आ रहा है।

कुल म्ख् प्रत्याशी हैं मैदान में

जिले की दो लोकसभा सीटों से इस बार कुल म्ख् प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। इन्होंने अपना नामांकन भी करा लिया है और अब प्रचार कर रहे हैं। इनमें से इलाहाबाद सीट से फ्म् और फूलपुर सीट से ख्म् प्रत्याशी शामिल हैं। इनमें से कुछ निर्दलीय हैं तो कुछ को किसी न किसी पार्टी का सपोर्ट मिला हुआ है। आंकड़ों पर जाएं तो निर्दलीय प्रत्याशियों की संख्या दोनों सीटों पर कुल ख्ख् है। जिनमें से सात फूलपुर और क्भ् इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र से हैं। बाकी ब्0 प्रत्याशी राजनीतिक पार्टियों से ताल्लुक रखते हैं।

फूलपुर संसदीय क्षेत्र

प्रत्याशी का नाम राजनीतिक पार्टी

केशव प्रसाद मौर्य भारतीय जनता पार्टी

कपिल मुनि करवरिया बहुजन समाज पार्टी

मो। कैफ इंडियन नेशनल कांग्रेस

नाथूराम बौद्ध बहुजन मुक्ति पार्टी

धर्मराज सिंह पटेल समाजवादी पार्टी

रूपनाथ

युवा विकास पार्टी

गणेशजी त्रिपाठी राष्ट्रीय बंधुत्व पार्टी

परवेज अशफाक सिददीकी कौमी एकता दल

दक्खिनी प्रसाद राष्ट्रीय गरीब दल

राजू कुमार कल्याणकारी जनतांत्रिक पार्टी

शिमलाश्री आम आदमी पार्टी

बबिता दिनकर अखिल भारत हिंदू महासभा

वरुण कुमार मिश्रा शिवसेना

डॉ। मो। समद आदर्श राष्ट्रीय विकास

ज्ञानेंद्र नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी

सुरेंद्र कुमार मिश्र लोकदल

अश्विनी कुमार भारतीय राष्ट्रीय बहुजन समाज विकास पार्टी

जियाउल हक सच समर्थक पार्टी

प्रमोद कुमार सम्यक परिवर्तन पार्टी

डॉ। नीरज निर्दलीय

मिथिलेश कुमार निर्दलीय

मिलन मुखर्जी निर्दलीय

शीतल दीन सरोज निर्दलीय

मो। जुबेर निर्दलीय

जितेंद्र कुमार निर्दलीय

विरेंद्र कुमार निर्दलीय

इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र

श्यामा चरण गुप्ता भारतीय जनता पार्टी

रेवती रमण सिंह समाजवादी पार्टी

केशरी देवी बहुजन समाज पार्टी

नंदगोपाल गुप्ता नंदी इंडियन नेशनल कांग्रेस

वाहिद अली उर्फ वाजिद अली राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल

सुधाकर सिंह पटेल राष्ट्रीय समानता दल

गायत्री प्रसाद भारतीय शक्ति चेतना पार्टी

आदर्श शास्त्री आम आदमी पार्टी

निष्ठादेव मौर्या प्रगतिशील समाज पार्टी

महेंद्र कुमार बहुजन मुक्ति पार्टी

राजेंद्र प्रसाद कल्याणकारी जनतांत्रिक पार्टी

श्याम पांडेय

धर्म निरपेक्ष दल

श्यामसुंदर दास सनातन संस्कृत रक्षा दल

अभिलाषा गुप्ता इंडियन नेशनल कांग्रेस

चंद्र प्रकाश भारतीय किसान सेवा लोकतांत्रिक

विश्वपति प्रसाद भारत की नव जनवादी पार्टी

आलोक कुमार

तृणमूल कांग्रेस

सूर्यभान निषाद राष्ट्रीय अपना दल

अमीन अजहर अंसारी

कौमी एकता दल

मो। सलाउददीन लोकदल

संजय राबिंसन नैतिक पार्टी

हीरालाल निर्दलीय

अजीत कुमार निर्दलीय

परमानंद

निर्दलीय

रामलाल निर्दलीय

रामजी निर्दलीय

हंसराज निर्दलीय

शैलेंद्र कुमार प्रजापति निर्दलीय

गोपाल स्वरूप जोशी निर्दलीय

ब्रजेश कुमार

निर्दलीय

द्रौपदी देवी निर्दलीय

शिव प्रसाद अग्रहरि

निर्दलीय

बजरंग दत्त त्रिपाठी

निर्दलीय

श्याम चरण

निर्दलीय

नरेंद्र कुमार तिवारी

निर्दलीय

इस बार बढ़ गई संख्या

यह एक दिलचस्प बात है कि साल दर साल चुनावों में राजनीतिक पार्टियों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। ख्009 की बात करें तो इलाहाबाद सीट से फ्क् प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे और इनमें से क्ख् अलग-अलग पार्टियों के थे। वहीं फूलपुर से कुल प्रत्याशियों की संख्या ख्ब् थी और इनमें पार्टी रिलेटेड प्रत्याशियों की संख्या कुल नौ थी। वहीं इस बार दोनों सीटों पर पार्टियों की संख्या बढ़कर इलाहाबाद और फूलपुर मिलाकर ख्0 हो गई है। इनमें से कुछ पार्टियां तो इसी चुनाव से पहले अस्तित्व में आई हैं।

नेशनल आंकड़े भी कम नहीं हैं

जिस तरह से जिले में हर साल पार्टियों की संख्या में इजाफा होता रहा है उसी तरह नेशनल लेवल पर भी आंकड़ें यही गवाही दे रहे हैं। क्9भ्क् से लेकर ख्009 चुनाव तक इनकी संख्या दो बढ़कर तीन अंकों तक पहुंच चुके हैं। जानकारी के मुताबिक देश के पहले लोकसभा चुनाव में देशभर में कुल राजनीतिक पार्टियों की संख्या भ्ब् थी जो ख्009 में बढ़कर फ्म्फ् पहुंच गई। राजनीतिक एक्सपर्ट बताते हैं कि यह सब सियासी बिखराव का नतीजा है। क्षेत्रवाद और महत्वाकांक्षा के चलते नेताओं ने नई पार्टियां बनानी शुरू कर दी हैं। इससे जहां कुछ फायदे है तो कुछ नुकसान भी होता है। किसी सरकार का बहुमत में नहीं आना और गठबंधन की सरकारें बनना इसी समीकरण का नतीजा हैं।

पिछली बार नहीं थीं ये पार्टियां

पिछले लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय देहात मोर्चा पार्टी, गोंडवाना मुक्ति सेना, राष्ट्रीय स्वाभिमान पार्टी, इंडियन जस्टिस पार्टी जैसे दलों के प्रत्याशी मैदान में थे लेकिन इस बार ये पार्टियां गायब हैं। वहीं ख्009 की कुछ पार्टियां नदारद हैं तो कुछ नई पार्टियां इस बार चुनावी मैदान में आ चुकी हैं। इनमें कौमी एकता दल, आम आदमी पार्टी,

सच समर्थक पार्टी, नैतिक पार्टी और सम्यक परिवर्तन पार्टी जैसे कई दल शामिल हैं। इनसे लड़ने वाले प्रत्याशियों को पार्टी के रूप में चुनावी जमीन तो मिल गई है लेकिन मतदाताओं के बीच अपनी पहचान बनाने के लिए इन्हें फेमस नेशनल पार्टियों के मुकाबले कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है।

कन्फ्यूज होने की जरूरत नहीं

वैसे तो इलाहाबाद सीट से कुल ख्0 अलग-अलग पार्टियों के ख्क् प्रत्याशी मैदान में हैं। यह आंकड़ा लोगों को थोड़ा कन्फ्यूज भी कर सकता है। लेकिन, सच यह है कि इस सीट से कांग्रेस से दो प्रत्याशियों ने नामांकन कराया है। इनमें नंदगोपाल गुप्ता नंदी व उनकी वाइफ अभिलाषा गुप्ता का नाम शामिल है। ये दोनों एक ही पार्टी से हैं लेकिन ख्फ् अप्रैल से पहले इनमें से किसी एक को अपना नामांकन वापस लेना होगा।