-पुरी पीठाधीश्वर स्वामी निश्चलानंद सरस्वतीजी महाराज ने जताई चिंता

बरेली : पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंदजी महाराज ने कहा है कि राजनीतिक दल अर्थव्यवस्था को दिशाहीन करने में जुटे हैं। अर्थव्यवस्था पटरी पर लाने के लिए ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। शंकराचार्य ने कहा कि नेताओं का मनोबल ठीक हो तो पांच साल में देश को समृद्ध बनाया जा सकता है।

शंकराचार्य संडे को आनंद आश्रम में आयोजित विचार गोष्ठी एवं पादुका पूजन कार्यक्रम में लोगों के सवालों का जवाब दे रहे थे। शंकराचार्य ने कहा कि अब तो पार्लियामेंट्री लैंग्वेज का सीधा सा अर्थ हो गया है गाली-गलौज व हाथापाई।

भरोसेमंद नहीं कोई बैंक

उन्होंने कहा कि भारत में अमीरों के लिए कोई ऐसा भरोसेमंद बैंक नहीं है जहां वे अपनी सम्पत्ति जमा कर सकें। यानी स्वतंत्र भारत में भी डंके की चोट पर आर्थिक स्रोत को दिशाहीन करने का प्रयास चल रहा है, जिससे अर्थव्यवस्था संतुलित नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति भी अर्थ का स्रोत ढूंढने के लिए भारत आए। फिर भी हमारे नेता नहीं सचेत हो रहे। यही वजह है कि तीसरा संभावित विश्वयुद्ध भी अर्थ को लेकर ही सुनिश्चित है।

राजनीति में आने से गिर जाता है संतों का स्तर

क्या संतों को राजनीति में आना चाहिए? इस सवाल के जवाब में शंकराचार्य ने कहा अगर राजनीति में संत उन्माद न फैलाकर चार चांद लगा देते हैं तब उनका राजनीति में जाना गलत नहीं है लेकिन, राजनीति में जाने से संतों का स्तर गिर ही जाता है। इसलिए संत दिशा दें तो अच्छा है। सीधे राजनीति में प्रवेश न करें।