RANCHI: पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल(पीयूसी)सेंटर में हर मर्ज की दवा है। वैसे तो इस सेंटर की स्थापना गाडि़यों से होने वाले पॉल्यूशन की जांच के लिए की गई थी, लेकिन समय के साथ-साथ अब यहां सभी कागज तैयार कराये जाने लगे हैं। अगर आपकी गाड़ी के कागज में कोई कमी है तो उसे भी यहां पूरा कर दिया जाता है। पीयूसी सेंटर में पॉल्यूशन पेपर के अलावा, इंश्योरेंस पेपर, रोड टैक्स एवं ड्राइविंग लाइसेंस तक का काम लिया जा रहा है। यहां बैठे एजेंट हर तरह का काम कराने का जिम्मा लेते हैं। गाड़ी का इंश्योरेंस तो दस मिनट में कर दिया जाता है। नए नियम के अनुसार, इंश्योरेंस के लिए पॉल्यूशन पेपर का होना जरूरी है। गाडि़यों की जांच के वक्त गाड़ी के पेपर के साथ-साथ इंश्योरेंस, पॉल्यूशन और ड्राइविंग लाइसेंस की डिमांड की जाती है। ऐसे में पॉल्यूशन की जांच कराते वक्त ही सेंटर संचालक इंश्योरेंस कराने का ऑफर देते हैं। इसके लिए इन सेंटर संचालकों ने अपना रेट तय कर रखा है। फ‌र्स्ट पार्टी और थर्ड पार्टी का रेट अलग-अलग है। इसके अलावा गाड़ी की कंडीशन देखकर भी रेट तय की जाती है। फ‌र्स्ट पार्टी इंश्योरेंस के लिए 1600 और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के लिए 1300 रुपए लिए जाते हैं, जबकि इसकी ओरिजिनल रेट फ‌र्स्ट पार्टी के लिए 1000 रुपए और थर्ड पार्टी के लिए 600 रुपए है।

पॉल्यूशन लेबल की जांच को खोला पीयूसी

गाडि़यों से निकलने वाले धुएं का प्रदूषण लेबल क्या है, इसकी जांच के लिए पीयूसी सेंटर खोला गया था। शहर के सभी पेट्रोल पंपों में पीयूसी सेंटर खोलने की योजना थी। लेकिन गाडि़यों की संख्या ज्यादा होने के कारण कुछ प्राइवेट लोगों को सेंटर खोलने की अनुमति दी गई थी। रांची में लगभग 150 पीयूसी प्राइवेट में तय सरकारी रेट से ज्यादा रेट लेकर सर्टिफिकेट दिया जाता है। कुछ स्थानों से ऐसी भी शिकायत आई है कि बगैर जांच के ही पीयूसी सेंटर सर्टिफिकेट इश्यू कर दिया जाता है।