* पॉल्यूशन कम करने को नहीं शुरू किए गए प्रयास, कानपुर से कम पॉल्यूशन के बाद भी दिल्ली मे कंस्ट्रक्शन पर रोक
* कानपुर में दूसरे दिन भी पॉल्यूशन का स्तर मानक से 7 गुना ज्यादा, खांसी, जुखाम, गले में इंफेक्शन के मरीज बढ़े
* मॉर्निंग वॉकर्स के लिए खतरे की घंटी, बच्चों, बुजुर्गो और खास तौर पर सांस के मरीजों के लिए हाई अलर्ट की स्थिति

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KANPUR : कानपुर में बीते एक हफ्ते में पॉल्यूशन का स्तर तेजी से बढ़ा है। हालात देखकर इस बात कीपूरी आशंका है कि दिवाली तक शहर गैस चेंंबर में तब्दील हो जाएगा। यानी हर व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होने लगेगी। संडे को भी लगातार कानपुर में पॉल्यूशन का स्तर मानक से 7 गुना से ज्यादा रहा। इस लिहाज से कानपुर देश का सर्वाधिक प्रदूषित शहर था, लेकिन इन हालात को बदलने में न तो मौसम से कोई मदद मिलेगी और सरकारी स्तर पर तो किसी प्रकार का प्रयास शुरू ही नहीं हुआ है। एक तरफ राष्ट्रीय राजधानी जहां कानपुर के मुकाबले कम पॉल्यूशन हैं वहां सभी तरह के कंस्ट्रक्शन्स पर रोक लगा दी गई हैं वहीं कानपुर में ऐसा कुछ भी होता नहीं दिख रहा। बल्कि लगातार कूड़ा जलाने और सड़कों से उड़ रही धूल हालात को और खराब कर रहे हैं। डॉक्टर्स और  पर्यावरण विशेषज्ञों की माने तो ऐसे हालत में स्वस्थ लोगों पर भी प्रभाव पड़ेगा। मार्निंग वॉकर्स, बुजुर्गों, बच्चों व सांस के रोगियों के लिए तो यह इमरजेंसी की स्थिति है। ऐसे हालात में भी जिम्मेदार आंखे बंद किए हैं।

अभी मार्निंग वॉक से बिगड़ेगी सेहत
पॉल्यूशन के बढ़ते स्तर को देखते हुए सीपीसीबी की ओर से चेतावनी जारी की गई है कि इस हालातों में मार्निंग वॉक करना सेहत के लिए ठीक नहीं है।पॉल्यूशन के बढ़ते स्तर और उसके प्रभाव को लेकर वरिष्ठ चेस्ट रोग विशेषज्ञ डॉक्टर आनंद कुमार के मुताबिक पीएम-2.5 या पीएम 10 की वातावरण में ज्यादा मात्रा से इसके कण शरीर में जाएंगे। इससे सांस की नली में सूजन की समस्या और सांस लेने में तकलीफ होगी। साथ ही लंग्स इंफेक्शन की प्राॅब्लम भी हो सकती है। ऐसे हाल में बीमार लोग, बुजुर्ग, बच्चे और गर्भवती महिलाओं को खास बचाव की जरूरत है।

कानपुर में पॉल्यूशन के गुनहगार
बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन,इंडस्ट्रीयल एरिया, कूड़ा जलाना, खराब सड़के और डस्ट, डीजल वाहन,सालिड वेस्ट प्लांट में पड़े हजारों टन कूड़े में रह रह कर लगने वाली आग,ग्रामीण क्षेत्रों मेंं पुआल को जलाना।

सांस लेना हो जाएगा मुश्किल

पिछले एक हफ्ते में पॉल्यूशन का स्तर तेजी से बढ़ा है। जिससे आबोहवा लगातार जहरीली हो रही है। 7 नवंबर को दिवाली उसके बाद 3,4 दिन तक यह स्तर और भी ज्यादा बढऩे की आशंका है। यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के रीजनल ऑफिसर कुलदीप मिश्रा के मुताबिक ठंड बढऩे के साथ ही पॉल्यूशन का स्तर बढ़ा है। बोर्ड की गाइडलाइन का पालन करना होगा।

छोटे प्रयासों से मिली थी राहत

पिछले साल दिवाली के दौरान ही शहर में पॉल्यूशन का स्तर काफी ज्यादा था। तब जिला प्रशासन और नगर निगम की ओर से कूड़ा जलाने पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही सड़कों पर पानी का छिड़काव कराया गया था। जिसका कुछ ही दिनों में असर भी दिखा था और पॉल्यूशन का स्तर काफी कम भी हुआ था,हालाकि इस बार अभी तक ऐसे कोई प्रयास नहीं हुए हैं।

आखिर कब जागेगाप्रशासन?
सर्दी की दस्तक के साथ शहर की आबोहवा बिगड़ने लगी है।
पॉल्यूशन की बात करें तो पूरे देश में कानपुर सबसे ज्यादा प्रदूषित है फिर भी इसे रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।
राजेश सिंह

शहर में जगह-जगह खुलेआम कूड़ा लगाया जा रहा है। कूड़ा निस्तारण सही से न होने के कारण नगर निगम कर्मी उसमें आग लगा देते हैं। जिससे निकलने वाला जहरीला धुआं वातावरण को और प्रदूषित कर रहा है।
खुशबू सिंह

प्रदूषित हवा के कारण शहर में लोगों का सांस लेना दूभर हो रहा है लेकिन प्रशासन और
पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड सो रहा है। हालात सुधारने के लिए अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है।
अनुराग

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