यह भी जानें

-100 पर क्यूबिक मीटर होता है नॉर्मल एक्यूआई

-2019-20 में पौधरोपण का वन विभाग के पास नहीं है डाटा

-54 एक्यूआई मार्च में

-70 एक्यूआई था अप्रैल में

- लॉक डाउन में साफ हुई शहर की आबो-हवा

- अब फिर बढ़ेगा एक्यूआई का ग्राफ

- अन्य पॉल्युशन का भी बढ़ेगा रेश्यो

बरेली: शहर की आबो-हवा में फिर से जहर घुलने लगा है जिससे लोगों को सांस लेना मुश्किल हो रहा है। इसकी मेन वजह अनलॉक-1 में छूट मिलने के बाद फर्राटा भरते व्हीकल्स और मेंटीनेंस वर्क के चलते उड़ने वाली धूल है जो लोगों को बीमार बनाने के लिए काफी है। रही बची कसर इंडस्ट्रियल एरिया की फैक्ट्रीज कर देती हैं जो हवा के साथ ही पानी को भी प्रदूषित कर रही हैं। जिससे लोगों को सांस की बीमारी और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां तक हो रही हैं।

लॉकडाउन में हवा थी साफ

लॉकडाउन के चलते मार्च और अप्रैल में एक्यूआई यानि एयर क्वालिटी इंडेक्स नॉर्मल से लगभग आधा था। एक्सपर्ट के मुताबिक मार्च में एक्यूआई 54 और अप्रैल में 70 था लेकिन अब जबकि अनलॉक-1 स्टार्ट हो गया है तो एक्यूआई फिर से बढ़ने लगा है। वहीं मई एक्यूआई 160 तक पहुंच गया है जिससे बरेलियंस का सांस लेना फिर से दूभर हो रहा है।

पौधरोपण न होना वजह

शहर की पॉपुलेशन बढ़ने से एरिया दिन ब दिन बढ़ रहा है। लोग पेड़-पौधे काट कर रहने के लिए घर और ऑफिस आदि बना रहे हैं लेकिन पौधे नहीं लगाए जा रहे हैं। वहीं वन विभाग को हर साल पौधरोपण का मिलने वाला टारगेट तक पूरा नहीं हो रहा है जिससे एक्यूआई बढ़ रहा है और शहर में हालात भयावह हो रहे है।

कागजों में हो रहा पौधरोपण

साल 2019-20 में शहर में करीब एक लाख पौधे शासन की ओर से लगाने का लक्ष्य था, लेकिन ये पौधे कहां लगाए गए इसका डाटा तक वन विभाग के पास नहीं है। वजह यह है कि शासन वन विभाग को पौधे मुहैया कराता है, वन विभाग की ओर से समस्त सरकारी विभागों को पौधे दिए जाते हैं लेकिन यह पौधे सरकारी विभाग कहां लगाता है, इसकी रिपोर्ट भी वन विभाग के पास किसी सरकारी विभाग ने नहीं भेजी है।

मेंटीनेंस वर्क से धूल का गुबार

शहर में कई जगहों पर मेंटीनेंस वर्क चल रहा है जिससे सड़कों पर धूल का गुबार उड़ रहा है और वातावरण प्रदूषित हो रहा है। सैटेलाइट, इज्जतनगर, चौपुला और लाल फाटक आदि पर पुलों का निर्माण चल रहा है जिससे डेली धूल उड़ रही है। वहीं शहर में कई जगहों पर जैसे- श्यामतगंज, कालीबाड़ी रोड आदि जगहों पर सीवर लाइन के लिए खुदाई का काम चल रहा है जिसकी धूल हवा में जहर घोल रही है। साथ ही शहर में कई जगहों पर बिल्डिंग निर्माण का कार्य भी चल रहा है।

नॉइस पॉल्युशन भी बढ़ा

पॉल्युशन विभाग के अनुसार शहर नॉइस पॉल्युशन का ग्राफ भी चौंकाने वाला रहा है। शहर को चार जोन में बांटा गया है। रेजिडेंशियल जोन में नॉइस पॉल्युशन 55 डेसीबल तक डे में और 50 तक नाइट में होना चाहिए। वहीं कॉमर्शियल जोन में 65 डेसीबल तक, साइलेंट जोन में 45 डेसीबल तक और इंडस्ट्रीज जोन में 75 डेसीबल तक होना चाहिए है लेकिन यह सभी जोन में सामान्य स्तर से पांच फीसदी तक अधिक ही पाया गया है।

पॉल्युशन विभाग की कार्य योजना

- सड़कों को साफ सुथरा रखा जाएगा, जिससे ज्यादा धूल न उड़े

- ट्रैफिक कॉरीडोर में हरे भरे और पत्तेदार पौधे लगाएं जाएंगे

- इलेक्ट्रिक वाहनों को दिया जाएगा बढ़ावा

- फैक्ट्रियों में धुंआ को फिल्टर करने के लिए साइक्लोन डस्ट कलेक्टर लगेंगे

- पानी को प्यूरीफाई करने के लिए एसटीपी प्लांट लगाने की कवायद

पॉल्युशन के स्तर को कम करने के लिए सबसे ज्यादा जरुरत है अवेयरनेस की। लॉकडाउन में एक्यूआई की स्तर सामान्य से भी नीचे आ गया, इससे सीखने की जरूरत है। यह क्रम बरकरार रखने की जरुरत है।

डॉ। आलोक खरे, पर्यावरण विद्

पॉल्युशन के बढ़ते ग्राफ पर अंकुश लगाने के लिए कार्य योजना बनाई है। संबंधित विभागों को इससे अवगत भी करा दिया है। कड़ाई से पालन और निरीक्षण भी किया जाएगा।

रोहित कुमार, क्षेत्रीय अधिकारी, यूपी पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड

लोगों की बात

1. पर्यावरण को सहेजना हमारी प्राथमिकता में शामिल होना चाहिए, कम से कम एक व्यक्ति को अपने घर में या ऑफिस में दो पौधे जरुर लगाने चाहिए।

घनश्याम खंडेलवाल, एमडी, बीएल एग्रो

पर्यावरण को लेकर हम सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे, अगर जरुरत न हो तो वाहनों का उपयोग न करें, पब्लिक ट्रांसपोर्ट का यूज करें।

डॉ। मुकुल अग्रवाल, न्यूरो सर्जन, नारायणा हॉस्पिटल

जिस प्रकार हम अपनी दिनचर्या का ख्याल रखते हैं उसी प्रकार पर्यावरण को भी बचाना भी हमारी नैतिक जिम्मेदारी है।

- सौरभ अग्रवाल, एमडी, प्रीमियर एग्री फूड्स

एयर क्वालिटी इंडेक्स

मंडे, 11:15 - 60

ट्यूजडे, 14:15 - 59

ट्यूजडे 19:45 - 58

ट्यूजडे 23:00 - 80

वेडनसडे 2:00 - 90

वेडनसडे 3:45 -60

वेडनसडे 4:45 -60

वेडनसडे 5:30 -70

वेडनसडे 18:15 - 75

वेडनसडे 18:45 - 100

वेडनसडे 21:45 -100

थर्सडे 00:15 -90

थर्सडे 3:15 -160

थर्सडे 6:45 -155

थर्सडे 9:़15 -120

थर्सडे 10: 45 -100

थर्सडे 14:15 -95

थर्सडे 18:45 -90

पांच मंथ का एक्यूआई

जनवरी - 224

फरवरी - 240

मार्च - 54

अप्रैल - 70

मई - 75

नोट- सभी आंकड़ें प्रति क्यूबिक मीटर में हैं।