नई दिल्ली (एएनआई)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के नेतृत्व में मल्टी-एजेंसी टीमों द्वारा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर गुरुवार को शिकंजा कसने के बाद एक बड़ा खुलासा हुआ है। केंद्रीय जांच एजेंसियों को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया द्वारा बीती 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पटना यात्रा के दौरान अशांति पैदा करने के इरादे से एक प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने जैसे इनपुट मिले हैं। इसके अलावा, जांच के दौरान, एजेंसियों को पीएफआई के कई बैंक खातों का विवरण मिला है। यह खुलासे ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय की दो अलग-अलग रिमांड काॅपियों में आया है। इसमें एक लखनऊ में एक विशेष न्यायाधीश के समक्ष केरल के कोझीकोड निवासी मोहम्मद शफीक पायथ के खिलाफ और दूसरा दिल्ली में एक विशेष अदालत के समक्ष परवेज अहमद के खिलाफ प्रस्तुत किया गया।

15 राज्यों में हुई बड़ी छापेमारी

ईडी और एनआईए और राज्य पुलिस बलों की एक संयुक्त टीम द्वारा किए गए पहले सबसे बड़े तलाशी अभियान के दौरान पायथ और अहमद दोनों को केरल और दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था। इस दिन ही देश के 15 राज्यों से 106 पीएफआई सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था। केरल के कोझीकोड के रहने वाले पायथ को प्रवर्तन निदेशालय ने 22 सितंबर को सुबह करीब 5.35 बजे उसके फ्लैट से गिरफ्तार किया था, जबकि अहमद को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था।

रिमांड कॉपी में हुए बड़े खुलासे

वहीं ईडी की अब तक की रिमांड कॉपी में यह भी खुलासा हुआ है कि पिछले कुछ वर्षों में पीएफआई और संबंधित संस्थाओं के खातों में 120 करोड़ रुपये से अधिक जमा किए गए हैं और सका एक बहुत बड़ा हिस्सा नकद में जमा कर दिया गया है। ईडी ने अदालत को सूचित किया कि व्यक्तियों और संस्थाओं से संबंधित विवरण प्राप्त करने और उनके बैंक विवरणों का विश्लेषण करने के बाद इनपुट प्राप्त हुए थे। यह पीएफआई के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी जांच प्रक्रिया है।

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