-प्रधान डाकघर कैंट में खाताधारकों ने मचाया हल्ला

- कैंट पुलिस की एक टीम लगातार कर रही है छानबीन

- डाक विभाग रविवार को अपने कर्मचारियों के खिलाफ कराएगी एफआईआर

VARANASI

प्रधान डाकघर कैंट में गबन की राशि शाम तक पांच करोड़ रुपये का आंकड़े का पार कर गई। खाताधारकों में जबरदस्त आक्रोश है। शनिवार को बड़ी संख्या में खाताधारक पहुंचे और जमकर हंगामा किया। जिनके रुपये एकाउंट में नहीं दिखा रहे थे उनके अलावा और भी थे जो अपने एकाउंट के हाल जानने आए थे। बुधवार को गबन का मामला खुला तो धनराशि एक करोड़ बतायी गयी। गुरुवार को बढ़कर दो करोड़, शुक्रवार को चार करोड़ और शनिवार को पांच करोड़ तक पहुंच गयी।

पुलिस ने गठित की टीम

दिन में करीब 12 बजे कैंट थाने की पुलिस दल डाकघर पहुंची और उन्होंने जमाकर्ता से बातचीत की और उन्हें बताया कि उन्हें क्या-क्या करना है ताकि उनका पैसा वापस हो सके। उसके बाद उन्होंने डाक अधीक्षक से मामले की जानकारी ली। कैंट पुलिस इंस्पेक्टर अश्वनी कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि इस मामले के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है। 31 अगस्त को 25 से अधिक शिकायत पत्र आए हैं। सभी का सत्यापन कर एफआईआर दर्ज किया जाएगा। प्रधान डाकघर के चारो निलंबित डाककर्मियों के घर और उनके नजदीकियों पर नजर रखी जा रही है। उनके मोबाइल उनका स्विच ऑफ जा रहा है। डाकघर के बाहर भी पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए है।

हर कोई परेशान

प्रधान डाकघर कैंट पहुंचे हर जमाकर्ता की अपनी परेशानी थी।

एक खाताधारक के 15 लाख रुपये विभिन्न योजनाओं में जमा थे। अब एकाउंट में कुछ हजार ही दिख रहे हैं। दर्जनों जमाकर्ता काउंटर पर यह जानने की कोशिश कर रहे थे कि उनके अकाउंट में कितने रुपये जमा हैं। मयूर विहार कालोनी की एक महिला का मासिक आय योजना में खाता था। इसी आय से वह अपने घर का खर्च चलाने के साथ बेटी की फीस भी जमा करती हैं। अब घर कैसे चलेगा और बेटी की फीस कैसे जमा होगी ,यहीं चिंता खाई जा रही है।

बढ़ रहा सीबीआई जांच का प्रेशर

कैंपस में जमाकर्ताओं और ऑफिसर्स की बेचैनी को आसानी से समझा जा सकता है। यह बात निकल कर आई कि गबन की राशि पांच करोड़ से ऊपर हो गई है। ऐसे में सीबीआइ जांच शुरू कर सकती है। कार्यालय में अजीब से शांति को जमाकर्ताओं की उत्तेजित आवाजें हर 10 से 15 मिनट में परास्त कर देती। कुछ लोग नाम बताने से भी मना कर रहे थे कि रिश्तेदारों को बताया था कि पैसा नहीं है और खाते में 10 लाख रुपये जमा है। वहीं पुलिस विभाग के एक उपनिरीक्षक का कहना है कि इस मामले को अर्थिक अनुसंधान शाखा भी अपने हाथ में ले सकती है।

डाक विभाग की ओर से एफआईआर

प्रधान डाकघर कैंट की ओर से रविवार को चारों निलंबित डाककर्मियों के खिलाफ एफआईआर लिखाई जाएगी। जिलाधिकारी के अलावा अन्य अधिकारियों को भी पत्र लिख कर चारों की सम्पत्ति और बैंक खाते सीज करने के लिए करने के लिए कहा गया है। दूसरे मंडलों से भी अधिकारियों और कर्मचारियों को बुलाया जा रहा है। डाकघर में लगे सीसीटीवी फुटेज सहित जमाकर्ताओं के डाटा का भी अध्ययन किया जाएगा ताकि यह पता चल सके कि यह गोरखधंधा कब से चल रहा है।