-लॉक डाउन में विभागीय चेकिन ठप, बिजली चोरों की मौज

-गर्मी में बिजली की खपत के साथ बढ़ गए बिजली चोर

-बिजली विभाग के बंधे हाथ, अभी नहीं कर सकते धर-पकड़

कोरोना वायरस के कारण शहर में लगे लॉकडाउन का कुछ लोग फायदा उठा कर बिजली चोरी कर रहे हैं। इससे कई हिस्सों में बिजली का लोड बढ़ गया है। लॉक डाउन के चलते बिजली विभाग की तरफ से कोई चेकिग न होने से बिजली चोरो की मौज हो गई है। कोई किसी ने महीनो पहले कटा कनेक्शन जोड़ लिया है, तो कोई चलता मीटर बंद कर कटिया कनेक्शन कर चोरी की बिजली से एसी, फ्रीज और कूलर चला रहा है। इन चोरो की वजह से जहा लाइन ट्रिपिंग की समस्या बड़ी है वही ट्रांसफार्मर फुंक जाने की समस्या भी गहरा गई है। इसे लेकर विभागीय अफसर भी परेशान हैं। अधिकारियों का काना है की विभाग एक जून से प्रभावी कदम उठाने जा रहा हैं।

डिस्ट्रिक्ट में फिर बड़ी खपत

लॉकडाउन के बीच चार दिन से जारी भीषण गर्मी में बिजली डिमांड के रिकार्ड टूट गए। मंगलवार को बिजली डिमांड करीब 580 एमवी के करीब पहुंच गई। जो पिछले साल मई महीने की डिमांड के बराबर के करीब है। जबकि लॉकडाउन के चलते औद्योगिक इकाईयां और आधे से ज्यादा व्यवसायिक प्रतिष्ठान और बाजार बंद चल रहे हैं। इससे बिजली अधिकारियों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं।

पहले घट गई थी डिमांड

बिजली अधिकारियों के मुताबिक मार्च में जब लॉकडाउन नहीं था। सभी औद्योगिक इकाईयां, बाजार सब खुले थे तब बिजली की पीक डिमांड 550 एमवीए थी, लेकिन जैसे ही 22 मार्च से लॉकडाउन शुरू हुआ सारे कारखाने व बाजार बंद हुए एकाएक बिजली डिमांड घटकर 500 एमवीए के करीब आ गई थी। अप्रैल भर इसी के आसपास डिमांड बरकरार रही, लेकिन 20 मई के बाद जैसे ही लॉक डाउन में छूट मिली डिमांड बढ़ने लगा। इधर चार दिन से पारा 40 डिग्री पार होते ही बिजली डिमांड में तेजी से उछाल आया है। ऐसा उछाल कि रिकार्ड टूट गए।

अब तक की सबसे ज्यादा डिमांड

अधिकारियो के मुताबिक मई महीने की अब तक की सबसे ज्यादा बिजली डिमांड 580 एमवी दर्ज हुई है। अगर लॉकडाउन में तुलना करें तो पहले लॉकडाउन से चौथे लॉकडाउन में पहुंचते ही बिजली डिमांड जितना घटा था उसका 95 परसेंट अपने जगह पर लौट आया है। पिछले साल मई की डिमांड से तुलना करें तो उसके खपत बराबर पहुंच गई है। लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि पिछले साल मई में लॉकडाउन नहीं था। छूट मिलने के बाद अभी भी बहुत से कल कारखाने, फैक्ट्रिया और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद है। अब सवाल उठता है की खपत हो कहा रहा है।

आंख-मिचौली करती रही

सारे कारखाने व बाजार खुले थे तब इतनी डिमांड थी.लेकिन इस बार तो अभी तो इंडस्ट्रियल एरिया की फैक्ट्रिया भी बंद हैं। केवल सरकारी व गैर सरकारी कार्यालय खुल रहे हैं और घरेलू बिजली का उपयोग हो रहा है। यही वजह है कि बिजली ट्रिपिंग बढ़ गई है। फॉल्ट अधिक हो रहे हैं। मंगलवार को शहर के पांडेयपुर, शिवपुर, मड़ौली, सारनाथ, महमूरगंज, सिगरा, चितईपुर, अवलेशपुर, भिखारीपुर आदि एरिया में बिजली दिनभर आंख-मिचौली करती रही। डेढ़ से दो घंटे के लिए गुल होती रही।

दो वजह मान रहे अधिकारी

बिजली अधिकारियों का कहना है एकाएक तीन-चार दिन में बढ़ी बिजली डिमांड से स्पष्ट है कि जिले में बिजली चोरी शुरू हो गई है.दरअसल, लॉकडाउन के दौरान बिजली चोरी की रोकथाम के लिए टीमें निकल नहीं रही हैं। ऐसे में लोग इसका गलत फायदा उठा रहे हैं। गर्मी में पंखे, एसी, कूलर, फ्रिजर, टीवी जैसे उपकरण भी चालू हो गए हैं। लोग घरों में अधिक समय बिता रहे हैं। देखा गया है की ठीक थाक लोग एसी, फ्रीज और कूलर का उपयोग चोरी की बिजली से कर रहे है। इसलिए हर घर में बिजली डिमांड बढ़ गई है। जो उपकरण छह से आठ घंटे चलते थे अब 24 घंटे सारे उपकरण चल रहे हैं।

बढ़े हुए विद्युत भार का परीक्षण फीडर वार कराया जाएगा। पिछले साल की तुलना में जिन फीडरों पर बिजली डिमांड अधिक पायी जाएगी। उसके हिसाब से कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। एक जून से टीम बनाकर चेकिंग शुरू कराइ जाएगी। इस बार छापेमारी 24 घंटे में कभी भी की जा सकती है।

-दीपक अग्रवाल, एसइ-सेकंड , पीवीवीएनएल

बताया कि जिन क्षेत्रों में बिजली चोरी हो रही है, वहां कंपनी के कर्मचारियों की पूरी नजर है, लेकिन लॉक डाउन के कारण कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है। जैसे ही लॉक डाउन हटेगा, चोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू होगी। कई दिनों से लोड काफी बढ़ा है। पता चला है की कुछ इलाकों में बढ़ी तादाद में लोग बिजली चोरी कर रहे हैं। 31 मई के बाद कभी भी बड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

विजय पाल, एसइ-फ‌र्स्ट, पीवीवीएनएल

एक नजर

600

एमवी खपत होती है गर्मी में

550

एमवी खपत रहती है सामान्य दिनों में

580

एमवी खपत हो गई है वर्तमान में

590

एमवी खपत थी पिछले साल मई माह में

580

लॉक डाउन में फैक्ट्रिया बंद होने के बाद भी