अनपरा में 500 मेगावाट बिजली उत्पादन यूनिट के मरम्मत के चलते बंद होगी सप्लाई

बनारस सहित आस पास के शहरों पर पड़ेगा असर, बिजली कटौती बढ़ने की संभावना

VARANASI : किसी तरह गर्मी बीती फिर ठंड का मौसम आया। लोगों ने राहत की सांस ली कि चलो ठंड में तो बिजली कटौती से कुछ राहत मिलेगी। लेकिन मजे की बात यह रही कि ठंड में भी बिजली की जोरदार कटौती होती रही। बिजली विभाग के गर्मी में भी जो बढ़ी खपत का बहाना था ठंड में भी वही काम आया। कभी इजरजेंसी कटौती तो कभी लोकल कटौती के नाम पर शहर वालों ने जबरदस्त बिजली का संकट झेला। इतना सब झेलने के बाद भी लोगों को बिजली संकट से फिलहाल राहत की गुंजाइश नहीं दिख रही है। बल्कि हो सकता है कि आने वाले कुछ दिनों में बिजली का संकट और भी गहरा जाये। जी हां, यह संकट अनपरा में चल रहे एक युनिट के बंद होने के चलते आना वाला है।

मरम्मत के चलते आयेगा संकट

जी हां, बिजली का संकट अनपरा की एक पांच सौ मेगावाट की यूनिट के मरम्मत के चलते बंद होने से पैदा होने वाला है। जिसे फरवरी के पहले हफ्ते में बंद किये जाने की संभावना है। अनपरा से पावर कॉरपोरेशन को क्म्फ्0 मेगावाट बिजली मिलती है। अनपरा में पांच बिजली यूनिट संचालित होते हैं जहां बिजली का प्रॉडक्शन होता है। पहले, दूसरे व तीसरी यूनिट से ख्क्0 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है वहीं चौथे व पांचवे यूनिट में पांच-पांच सौ मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है। पांचवे यूनिट को बंद करके उसे मरम्मत करने की योजना है। इसके लिए लगभग सारी तैयारी पूरी भी कर ली गयी है।

मरम्मत है जरूरी

सूत्रों की मानें तो अनपरा के पांचवे यूनिट की मरम्मत बहुत जरूरी हो गया है। अगर उसे बंद कर जरूरी चीजें दुरुस्त नहीं की गयी तो तो हो सकता है कि यूनिट पूरी तरह बंद हो जाये और प्रॉडक्शन पूरी तरह ठप हो जाये। ऐसा होने की स्थिति में सरकार को बड़े नुकसान की स्थिति का सामना करना पड़ेगा। दूसरी तरफ अगर समय समय पर मरम्मत का कार्य किया जाता रहे तो मशीनों की लाइफ कई गुना बढ़ जाती है। जिससे प्रॉडक्शन भी अच्छा होता है। गवर्नमेंट इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए यूनिट की मरम्मत कराने पर सहमत हुई है। वैसे मरम्मत के अभाव में पांचवे यूनिट की मशीनें कई बार ट्रिप भी कर गयी हैं।

एक महीने से अधिक लगेगा समय

सूत्रों की मानें तो यूनिट के मरम्मत आदि के कार्य में फ्0 से ब्भ् दिन का समय लग सकता है। इतने दिनों तक भ्00 मेगावाट बिजली की सप्लाई कम होगी। इससे सिर्फ वाराणसी ही नहीं आस पास के कुछ शहरों को भी बिजली का संकट झेलना पड़ सकता है। बिजली की सप्लाई कम होने पर पावर कॉरपोरेशन की कटौती करने मजबूर होगा। हालांकि सूत्रों का कहना है कि पावर कॉरपोरेशन से दूसरे अन्य सोर्सेज से अतिरिक्त बिजली लेने की पहल की है लेकिन कितनी बिजली मिल पायेगी, मिल पायेगी भी नहीं इस बाबत अभी कोई ठोस बातचीत नहीं हो पायी है।

बनारस है नरम चारा

वैसे पावर कॉरपोरेशन के सामने बनारस हमेशा से नरम चारा रहा है। बिजली की अधिक खपत होने के चलते कॉरपोरेशन की नजर में बनारस पर रहती है। कॉरपोरेशन का मानना है कि छोटे-छोटे कई शहरों की बिजली काटने से बेहतर है कि बनारस की बिजली काट दी जाये। बस यही बनारस के लिए परेशानी का सबब साबित होगा।

लखनऊ मेन से हो रही है कटौती

लखनऊ मेन से दिन में एक से तीन व रात में दस से बारह कटौती का शेड्यूल है। डिमांड व सप्लाई को ध्यान में रखते हुए शेड्यूल्ड के तहत कटौती की जा रही है। लोकल फाल्ट के चलते होने वाली कटौती अलग है।

'अगर इस तरह की कोई भी स्थिति आती है तो पावर कॉरपोरेशन दूसरे सोर्सेज से बिजली लेकर सप्लाई सुनिश्चित करेगा। बिजली देने कर हर संभव उपाय किये जायेंगे'।

-राकेश सिन्हा,

प्रवक्ता, एमडी पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम

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