RANCHI: रांची में हर दिन बिजली की कटौती से लोग परेशान हैं। लेकिन बिजली वितरण निगम द्वारा हर साल बिजली के दामों में बढ़ोतरी की जा रही है। शहर के लोगों को क्वालिटी बिजली भले ही ना मिले लेकिन उनकी जेब पर हर साल डाका डाला जा रहा है। झारखंड बिजली वितरण निगम द्वारा कहा जा रहा है कि 24 घंटे बिजली दी जाएगी, लेकिन 24 घंटे बिजली तो नहीं दी जा रही है। ऊपर से हर साल लोगों को बिजली का बढ़ा हुआ बिल देना पड़ता है। इस साल भी झारखंड बिजली वितरण निगम में झारखंड राज्य रेगुलेटरी कमिशन को बिजली के बिल बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। ऐसे में लोग परेशान हैं कि बिजली मिल नहीं रही है और दाम पर दाम बढ़ाया जा रहा है।

हर दिन कट रही बिजली

राजधानी में ऐसा कोई भी दिन नहीं है, जब लोगों को बिजली कटौती से परेशान ना होना पड़े। सरकार 24 घंटे बिजली देने का दावा करती है, लेकिन कभी भी 24 घंटे बिजली मिली नहीं। आलम ये है कि गर्मी हो या बरसात लोग मौसम से ज्यादा बिजली कटौती से परेशान हैं। जबकि खासकर शहर में रहने वाले उपभोक्ता बढ़ी दर के हिसाब से बिजली बिल का भुगतान भी समय पर कर रहे हैं। झारखंड को राज्य बने डेढ़ दशक से ज्यादा समय हो गया, लेकिन बिजली की स्थिति जस की तस बनी हुई है। ऐसे में सवाल उठता है कि राजधानी के लोगों को आखिर अंधेरे से आजादी कब मिलेगी। जबकि फु ल सप्लाई का दावा किया जाता है, इसके बावजूद बिजली गुल रहती है।

विभाग के दावे फेल

रांची में बिजली वितरण सिस्टम दुरुस्त करने के लिए चल रहे आरपीडीआरपी का हाल बुरा है। काम शुरू होने के 2 वर्ष बीत चुके हैं, अब भी 50 प्रतिशत काम ठीक से पूरा नहीं हो पाया है। गौरतलब हो कि आरपीडीआरपी का काम अप्रैल 2016 में पॉलीकैब को अलॉट किया गया। धरातल पर काम अगस्त-सितंबर 2017 में शुरू हुआ। मार्च तक बिजली काट कर काम को पूरा करना था, जो नहीं हुआ।

ठप हो रहा उत्पादन

सरकार बिजली के दाम बढ़ाने का प्रस्ताव दे रही है, लेकिन अपनी यूनिट से उत्पादन बढ़ाने पर कोई काम नहीं कर रही है। झारखंड में सरकारी अधिकारियों की लापरवाही की वजह से हर दिन करीब 200 मेगावाट बिजली का उत्पादन ठप है। टीवीएनएल में एक यूनिट पूरी तरह से ठीक है, लेकिन सीसीएल का पैसा बकाया है जिसके कारण कोयले की आपूर्ति नहीं की जा रही है, इस कारण एक यूनिट से बिजली उत्पादन बंद है। अगर दोनों यूनिट से उत्पादन शुरू हो जाता तो महीने में करोड़ों रुपए की बचत झारखंड बिजली वितरण निगम को होगा। लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है और एक अच्छा प्लांट अधिकारियों की कमी के कारण बैठ रहा है।

कमजोर ट्रंासमिशन नेटवर्क

बिजली विभाग का दावा है कि रांची में हर दिन फ ल लोड करीब 300 मेगावाट बिजली मिलती है। इतनी बिजली शहर में 24 घंटे के लिए पर्याप्त है, लेकिन लोगों के घरों तक पूरे टाइम बिजली नहीं पहुंचती है। बार- बार कई इलाकों में बिजली कटती रहती है, अधीक्षण अभियंता अजीत कुमार ने बताया कि हर दिन शहर को फु ल लोड बिजली की सप्लाई की जाती है, लेकिन ट्रांसमिशन नेटवर्क कमजोर होने के कारण ग्रिड में बिजली पड़ी रहती है और लोगों को नहीं दे पाते हैं।

वर्जन

हर दिन हमलोग को बिजली मिल रही है। लेकिन ट्रांसमिशन लाइन ठीक नहीं रहने के कारण बिजली नहीं पहुंच पा रही है। जबकि हर दिन फुल लोड 300 मेगावाट बिजली सप्ला‌ई्र है।

अजीत कुमार, एसई, रांची विद्युत सर्किल