RANCHI: रिम्स में शुक्रवार की सुबह 9 से 12 बजे तक तीन घंटे बिजली गुल रहने से पेशेंट्स के साथ-साथ डॉक्टर्स को भी भारी परेशानी हुई। पावर कट का सबसे ज्यादा असर मरीजों का जांच पर पड़ा। सैकड़ों मरीज एमआरआई, यूएसजी, सिटी स्कैन सेंटर के बाहर बिजली का घंटों इंतजार करते रहे। कई मरीज तो बिना जांच कराए ही घर लौट गए। वहीं, कुछ मरीजों को टेक्निशियन ने शनिवार को आने के लिए कह दिया। जबकि रिम्स में पावर कट की स्थिति से निपटने के लिए जेनरेटर लगाए गए हैं, लेकिन इसके बावजूद रिम्स पावर कट की समस्याओं से परेशान है।

गैलरी में ब्लड कलेक्शन

हास्पिटल में बिजली गुल रहने के दौरान सेंट्रल लैब में घंटों अंधेरा छाया रहा। जबकि सुबह नौ बजे लैब खुलते ही वहां पेशेंट्स की लाइन लग गई। लेकिन बिजली नहीं होने की वजह से टेस्ट नहीं हो पाया। वहीं अंधेरे में टेक्निशियनों को ब्लड कलेक्शन करने में भी परेशानी हो रही थी। ऐसा देख टेक्निशियनों ने रिम्स की गैलरी में ही अपनी टेबल लगा ली और ब्लड सैंपल कलेक्ट करने लगे। इससे वहां काफी भीड़ जमा हो गई। भीड़ लग जाने की वजह से एक ओर जहां मरीजों को परेशानी हुई, वहीं आने-जाने वाले लोगों को भी भीड़ की वजह से काफी परेशानी हुई।

क्या कहते हैं मरीज

यहां व्यवस्था नाम की कोई चीज ही नहीं है। सुबह से ही लाइट नहीं है। ऐसे में टेस्ट के लिए भटक रहे है। अंधेरा हो जाने के कारण ब्लड कलेक्शन में भी देरी हुई।

गणेश

एक तो तबीयत खराब है ऊपर से काफी देर से लाइन में खड़ा रहना पड़ा। पहले तो कहा गया कि लाइट नहीं है तो टेस्ट नहीं होगा। लेकिन, बाद में गली में जांच के लिए खून लिया गया।

आशा देवी

लाइट नहीं होने के कारण लैब में अंधेरा था, तो कलेक्शन के लिए बाहर खुले में ही काउंटर लगा दिया गया। ऐसे में हमलोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

विष्णु गुप्ता

डॉप्लर टेस्ट के लिए देवघर के पेशेंट को तीसरे दिन बुलाया (फोटो भी है)

देवघर के रहने वाले गुड्डू अपने परिजन को लेकर रिम्स में डाप्लर टेस्ट कराने दूसरे दिन भी पहुंचे थे। उन्होंने 30 जुलाई को पर्ची कटाई थी और टेस्ट के लिए आए तो फिर अगले दिन आने के लिए कहा गया। शुक्रवार को जब वह दोबारा पहुंचे तो उन्हें मना कर दिया गया। साथ ही यह कहा गया कि आज हो गया टेस्ट तो ठीक वरना कल आना। जबकि डॉप्लर टेस्ट कराने के लिए कोई अन्य मरीज वहां नहीं था। शुक्रवार को भी देर शाम तक मरीज का टेस्ट नहीं किया गया था।