- जीपीएफ और सीपीएफ घोटाले का विरोध, रकम वापस देनी को गारंटी की मांग

- सरकार पर उठाए सवाल, ऊर्जामंत्री का मांगा इस्तीफा

आगरा: करोड़ोंरुपये के जीपीएफ और सीपीएफ घोटाले का विरोध कर रहे बिजलीकर्मी शुक्रवार से अब सुबह से ही धरने पर रहेंगे। ये अभी तक शाम को दो घंटा धरना कर नारेबाजी करते थे। डीवीवीएनएल में इनका धरना तीसरे दिन भी जारी रहा है।

दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (डीवीवीएनएल) मुख्यालय के प्रांगण में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने गुरुवार को दोपहर दो बजे से पांच बजे तक धरना दिया। उन्होंने उप्र पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन की वीडियो कांफ्रेंस का बहिष्कार किया। समिति क्षेत्रीय सचिव वीपी सिंह ने कहा कि पुरानी सरकारों में हुए घोटालों का पर्दाफाश करने का वादा किया था, लेकिन वर्तमान सरकार में ही घोटालों हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि विद्युत कर्मचारियों का रुपये सरकार को गारंटी देकर उप्र पॉवर कारपोरेशन को वापस करना चाहिए। केजी सारस्वत ने कहा कि उप्र पॉवर कारपोरेशन ने कहा कि पिछले वर्षो में भी कई करोड़ रुपये का घोटाला हो चुका है। इसलिए जीपीएफ और सीपीएफ की रकम उप्र पॉवर कारपोरेशन के भरोसे नहीं छोड़ी जा सकती। देवेंद्र सिंह ने कहा कि घोटाला इस सरकार के कार्यकाल में हुआ है। ऊर्जामंत्री को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए। अधीक्षण अभियंता हरीश बंसल ने कहा कि इस घोटाले में उप्र पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन और पूर्व एमडी भी मुख्य दोषी हैं। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। इसमें एसके सिंह, राजीव जैन, सलमान मजहर, राजपाल सिंह, शेष कुमार बघेल, ओपी गुप्ता, सुबोध शर्मा, आरएन यादव, शैलेंद्र शर्मा, संजय उपाध्याय, राकेश पाल सिंह, विष्णु प्रसाद शर्मा, भानू प्रताप, हिमालय अकेला आदि मौजूद रहे।