-फ्लैट में रहने वालों को मिलेगी राहत, जेनरेटर के नाम पर नहीं हो सकेगी मनमाना वसूली

-जेनरेटर और विभागीय बिजली की अलग-अलग होगी रीडिंग

अगर आप फ्लैट में रहते है या किसी मॉल या शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में दुकान चलाते हैं तो यह खबर आपको राहत देने वाली है। यूपी पावर कॉरपोरेशन एक ऐसी योजना लाने जा रही है जिससे बिल्डिंग मालिक जेनरेटर के नाम पर मनमानी नहीं कर पाएंगे। कारपोरेशन ने जनरेटर के नाम पर अपने किरादारों से मोटी रकम वसूलने वालों पर लगाम लगाने के लिए ड्यूअल इलेक्ट्रिक मीटर लगाने का फैसला लिया है। इसका लाभ सीधे तौर पर अपार्टमेंट और मॉल कॉम्प्लेक्स में रहने वाले या दुकान चलाने वाले लोगों को मिलेगा।

अलग-अलग होगी रीडिंग

जनरेटर के नाम पर मनमाना शुल्क वसूला की शिकायत लगातार बिजली विभाग को मिलती रही है। उपभोक्ताओं को इस मुसीबत से बचाने के लिए ड्यूअल इलेक्ट्रिक मीटर लगाने की कवायद की गई है। ड्यूअल मीटर लगने से कॉरपोरेशन से होने वाली सप्लाई और जेनरेटर के सप्लाई की रीडिंग अलग-अलग होगी।

तय से ज्यादा वसूलते है चार्ज

-बहुमंजिली इमारतों में लिफ्ट समेत अन्य जरूरी काम के लिए जेनरेटर से होने वाली सप्लाई के लिए दर 12. 68 रुपये प्रति यूनिट निर्धारित की गई है। -कई जगह बिल्डर्स अपने फ्लैट मालिकों व मॉल कॉम्प्लेक्स संचालक अपने किराएदारों व व्यापारियों से 14 से 15 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से वसूल करते है।

-अपने उपभोक्ताओं बड़ा चपत लगाने के लिए मीटर से भी छेड़छाड़ करते हैं। ऐसी समस्या करीब-करीब प्रदेश के सभी जिलों में जिसकी शिकायत कॉरपोरेशन को मिली है।

बैठक में बनी रणनीति

पिछले दिनों यूपी पावर कॉरपोरेशन व विद्युत वितरण कंपनियों के बीच हुई बैठक में इस मुद्दे को उठाया गया था। इस दौरान कहा गया कि बहुमंजिली इमारतों में जेनरेटर से बिजली सप्लाई के नाम पर रीडिंग कम दिखाकर विद्युत वितरण कंपनियों को हानि पहुंचाई जा रही है। यह खेल कुछ कर्मचारियों के मिलीभगत से चल रहा है। इस खेल का प्रमाण मिलने के बाद कॉरपोरेशन ने ऐसे लोगों को सबक सिखाने के लिए इस योजना पर मुहर लगाई है। इन जगहों पर ड्यूअल मीटर लगने से जेनरेटर से खर्च हुई बिजली का पुख्ता हिसाब-किताब निकाला जा सकें।

बहुमंजिली इमारतों में ड्यूअल मीटर

लगाने की योजना बनाई गई है। मुख्यालय से निर्देश मिलते ही इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा।

दीपक अग्रवाल, एई