-बिजली निगम के अफसर और कर्मचारियों की मुश्किल बढ़ी
-लोड बढ़ने और जूझ रहे तार बनी मुसीबत
GORAKHPUR: शहर की बिजली व्यवस्था बारिश में खराब हो चुकी है। हल्की बारिश में भी बिजली घंटों कट रही है। आंकड़े बतातें हैं कि थोड़ी बारिश के बाद 96 घंटे में 71 ट्रांसफॉर्मर जल चुके हैं।
गोरखपुर में आज भी 50 फीसदी इलाके खुले तारों पर निर्भर हैं। जहां एवी कंडक्टर लाइन नहीं है। विभाग कटिया से चल रहे एसी, कूलर को इसका जिम्मेदार तो मान रहा है लेकिन लोड और जूझते तारों को ठीक करने में फेल है। पावर कारपोरेशन के सख्त रूख के बाद भी शहर के लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
शहर में ट्रांसफॉर्मरों की संख्या
उप खंड प्रथम खंड--557
उप खंड द्वितीय--483
उप खंड तृतीय--199
उप खंड चतुर्थ--342
वर्जन
शहर के किसी भी ट्रांसफॉर्मर पर निर्धारित कनेक्शन के सापेक्ष ओवरलोड नहीं हैं। अपने एरियाज के ट्रांसफॉर्मर के लोड बैलेंस किए हैं। ट्रांसफॉर्मर से निकलने वाले तीन फेज में संतुलित लोड होने पर कोई फाल्ट नहीं होता। लेकिन बारिश के दिनों में लोड अधिक होने और झूलते तार आपस में टकराने की वजह से ट्रांसफॉर्मर का संतुलन बिगड़ जाता है और ट्रांसफॉर्मर जल जाता है।
ज्ञान प्रकाश, एसडीओ वर्कशॉप