JAMSHEDPUR: साकची ठाकुरबाड़ी रोड़ में तीन देवियों की भव्य प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव सह मंदिर उद्घाटन समारोह के सातवें दिन बुधवार की सुबह नित्य पूजा के बाद तीनों देवी (श्री महालक्ष्मी माता, श्री अंजनी माता और श्री राणीसती दादी जी) विधि विधान से अभिषेक, नेत्र उन्मूलन के साथ विराजमान हो गए। पूजन का सभी कार्य विधिवत रूप से आचार्य बांके बिहारी गोस्वामी जी महाराज के पावन सानिध्य में वेद मंत्र के ज्ञाता 21 पुजारियों ने मुख्य यजमान राजकुमार चंदुका और प्रमोद कुमार अग्रवाल से पूजा अर्चना करवाई और विधि-विधान से सभी मूर्तियों में प्राण प्रतिष्ठा करके विशेष आरती उतारी। तीन देवियों का आकर्षक श्रृंगार किया गया। दोपहर 2:30 बजे से शुभारंभ हुए राणीसती दादी जी के भव्य मंगलपाठ में दो हजार से अधिक भक्त शामिल हुए। जिसमें 1500 महिलाएं शामिल थी।

भजन संध्या

रात्रि 9 बजे से विराट शुभारंभ हुआ जो देवियों की इच्छा से देर रात तक चला। मंगलपाठ एवं भजन के लिए तीन देवियों का भव्य दरबार सुबह से ही सजा हुआ था। यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने झुंझुनूं से आयी दादी की ज्योत का दर्शन किया। मंगलपाठ का वाचक करते और भजनों की मनमोहक प्रस्तुति देने के दौरान कोलकाता के ख्याति प्राप्त कलाकार सौरव-मधुकर की जोड़ी ने अपनी टीम 20 कलाकारों, चालो रे सखियां चालो दादी के दरबार में, जय दादी की बोल हर काम तेरा हो जाएगा, दादी मंगलम दादी नाम मंगलम, झूंझनू से आयी दादी तनधन जी भी साथ है, आवो मां आवो, दादी का परिवार हैं, मेरा साथी खाटू वाला हैं, आज म्हारे आंगणिये में राणी सती जी आई जी, भक्तां पर जब भीड़ पड़ी तब दौड़ी-दौड़ी आई, मारो श्याम बसे खाटू माही सालासर में बजरंगी राणी सती राज करेगी झुंझुनू के माई, चिटटी आई रे झूंझनू से म्हारी दादी की चिटटी आई रे, दे दे थोड़ा प्यार दादी तेरा क्या घट जाएगा, खूंटी तान कर के सोजा तेरा बाबा श्याम पहरेदार आदि एक से बढ़कर एक भजन गाकर भक्तों को खूब झूमाया। भजनों के साथ नृत्य नाटिका की भी कलाकारों ने प्रस्तुति दी। मंगल पाठ एवं भजनों के दौरान भक्तगण नाचते-गाते एवं दादी जी और बाबा श्याम का जयकारा लगाते हुए महिलाओं ने भी जमकर नृत्य किया। इससे पहले स्थानीय भजन गायक महावीर अग्रवाल ने गणेश वंदना से आज के धार्मिक कार्यक्रम का शुभारंभ किया। आज भी फूलों की होली खेली गयी। मंगल पाठ के बाद सभी भक्तों समेत शहर के कई गणमान्य लोगों ने लगभग 2500 से अधिक श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। गरुवार की सुबह 11:15 में दीपोत्सव समारोह के बाद दोपहर 01:15 बजे से महाप्रसाद के साथ इस धार्मिक अनुष्ठान का समापन होगा।