प्रशांत देंगे बीजेपी का साथ

दरअसल, कुछ खबरों की माने तो साल 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रशांत किशोर एक बार फिर मोदी के अभियानों की जिम्मेदारी संभालते हुए नजर आ सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ दिनों पहले प्रशांत और पीएम मोदी की मुलाक़ात हुई थी। इसी बात से कयास लगाया जा रहा है कि प्रशांत फिर से मोदी के चुनाव कैम्पेन की बागडोर संभाल सकते हैं। 

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छह महीनों से एक दूसरे के संपर्क में

कुछ ख़बरों के मुताबिक़ दोनों दिग्गज पिछले छह महीनें से एक दूसरे के साथ लगातार संपर्क कर रहे हैं, लेकिन अभी तक किसी अंतिम निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाए हैं। एक विशेष रिपोर्ट के अनुसार कुछ दिन पहले आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह और प्रशांत किशोर की भी मुलाकात हुई थी, लेकिन आधिकारिक तौर पर खास निर्णय सामने नहीं आया। बता दें कि 2014 लोकसभा चुनाव के बाद प्रशांत किशोर का बीजेपी से अलग होने का कारण भी अमित शाह को बताया जाता है।

प्रशांत का परिचय

पिछले कुछ सालों में प्रशांत किशोर राजनीतिक गलियारों में अपनी एक अलग पहचान बना चुके है। साल 2012 में गुजरात विधानसभा चुनाव और साल 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने अपने चुनाव कैम्पेन के जरिये बीजेपी को प्रचंड जीत दिलाई थी, लेकिन अमित शाह से मनमुटाव के चलते प्रशांत ने अपनी राह बीजेपी से अलग कर ली। बीजेपी का साथ छोड़ने के बाद प्रशांत ने नीतीश कुमार के चुनाव अभियानों में उनका साथ दिया और बिहार में महागठबंधन को प्रचंड जीत दिलाई।

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