प्रतीक कहते हैं, ''क्योंकि ये मेरी पहली सोलो फ़िल्म है इसलिए मैं थोड़ा घबराया हूं और थोड़ा उत्साहित हूं लेकिन मैं पीछे नहीं हटना चाहता.’’

साथ ही वो कहते हैं, ‘’मेरे कन्धों पर ये एक बड़ी ज़िम्मेदारी है। वैसे फिलहाल तो मैं इस ज़िम्मेदारी तले ख़ुद को दबा हुआ महसूस नहीं कर रहा, अभी तो मुझे मज़ा आ रहा है। लेकिन अगर कहीं ये फ़िल्म नहीं चली तो हो सकता है कि मैं इस ज़िम्मेदारी तले दबा हुआ महसूस करूं.''

'माई फ्रेंड पिंटो' एक कॉमेडी फ़िल्म है। प्रतीक कहते हैं कि कॉमेडी करना बड़ा मुश्किल होता है। लेकिन साथ ही बहुत मज़ेदार भी होता है। साथ ही वो कहते हैं, ''मैं पहली बार किसी कॉमेडी फ़िल्म में काम कर रहा हूं। फ़िल्म के प्रोमो भी बहुत अच्छे लग रहे हैं। उम्मीद करता हूं लोगों को ये फ़िल्म पसंद आए.''

फ़िल्म में अपने किरदार पर रौशनी डालते हुए प्रतीक कहते हैं, ''मेरे किरदार का नाम है माइकल पिंटो, ये एक बहुत ही बिंदास लड़के का किरदार है, फ़िल्म में पिंटो बड़ी ही मज़ेदार हरकतें करता है.''

साथ ही प्रतीक कहते हैं कि माइकल पिंटो के किरदार से उन्होंने अपनी असल ज़िन्दगी में भी सीख ली है। वो कहते हैं, ''अब मैं निजी जीवन में भी बिंदास रहने की कोशिश करता हूं। अगर आप बिंदास न हों तो ज़िन्दगी बड़ी ही उदासीन हो जाती है.''

'माई फ्रेंड पिंटो' के निर्माता है चर्चित फ़िल्मकार संजय लीला भंसाली। अगर प्रतीक की माने तो ऐसे बड़े बैनर की फ़िल्मों का फायदा ये होता है कि फ़िल्म ज़्यादा दर्शकों तक पहुच पाती है।

'माई फ्रेंड पिंटो' 14 अक्तूबर को रिलीज़ हो रही है। इस फ़िल्म में प्रतीक के साथ हैं कल्कि कोएचलिन, दिव्या दत्ता, राज ज़ुत्शी और मकरंद देशपांडे।

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