प्रयागराज (एएनआई)। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) नम्रता सिंह ने छावनी, प्रयागराज के स्टेशन हाउस अधिकारी को एक सप्ताह में कुछ बिंदुओं पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया और मामले को 25 अगस्त को आगे की सुनवाई के लिए पोस्ट किया। प्रथम, हिंदी साहित्य सम्मेलन, प्रयागराज द्वारा डिप्टी सीएम को जारी उत्तर मध्यमा द्वितीय वर्ष जैसी डिग्री की प्रमाणिकता, दूसरा मौर्य द्वारा चुनाव के हलफनामे में फर्जी प्रमाण पत्रों के प्रयोग के आरोप के संबंध में, इसके अलावा कोर्ट ने डिप्टी सीएम द्वारा पेट्रोल पंप लेने के लिए हाई स्कूल के फर्जी सर्टिफिकेट के इस्तेमाल के संबंध में भी जांच के आदेश दिए हैं। डिप्टी सीएम पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी हाई स्कूल सर्टिफिकेट के आधार पर इंडियन ऑयल से पेट्रोल पंप हासिल किया।

फर्जी डिग्री लगाकर पांच अलग-अलग चुनाव लड़े

एसीजेएम कोर्ट ने प्रियंका श्रीवास्तव बनाम यूपी राज्य मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर यह आदेश दिया है। 19 मार्च 2015 को सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस दीपक मिश्रा ने इस मामले में फैसला सुनाया था। इससे पहले कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कथित फर्जी डिग्री मामले में सुनवाई सात अगस्त तक के लिए सुरक्षित रख लिया था। आरटीआई कार्यकर्ता और भाजपा के वरिष्ठ नेता दिवाकर त्रिपाठी ने याचिका दायर कर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने फर्जी डिग्री लगाकर पांच अलग-अलग चुनाव लड़े हैं।

पेट्रोल पंप का आवंटन भी रद करने की मांग की

इसके साथ ही फर्जी डिग्री के आधार पर पेट्रोल पंप भी हासिल किया गया है। बीजेपी नेता ने अपनी याचिका में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का चुनाव रद करने और पेट्रोल पंप का आवंटन भी रद करने की मांग की है। आवेदन में कहा गया है कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने 2007 का चुनाव सिटी वेस्ट विधानसभा क्षेत्र से लड़ा था। इसके बाद उन्होंने 2012 में सिराथू से विधानसभा चुनाव भी लड़ा और 2014 में फूलपुर से लोकसभा चुनाव भी लड़ा।

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