- तीसरी बार कैंसिल हुआ स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सड़कों के चौड़ीकरण और ब्यूटीफिकेशन का टेंडर

-पीएमओ, प्रमुख सचिव आवास व मुख्यमंत्री कार्यालय तक हुई थी शिकायत

- दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने उठाया था नियम विरूद्ध हो रहे टेंडर का मुद्दा

balaji.kesharwani@inext.co.in

PRAYAGRAJ:

प्रयागराज को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए सड़कों का चौड़ीकरण, सुंदरीकरण जरूरी है, लेकिन चौड़ीकरण और सुंदरीकरण आखिर हो किसकी जमीन पर, गवर्नमेंट की या फिर पब्लिक की? ये वो सवाल है, जिसने कुंभ मेला के दौरान शहर की कई सड़कों पर तोड़फोड़ करने के बाद सड़कों को चौड़ा करने वाले प्रयागराज डेवलपमेंट के अधिकारियों को फंसा दिया है। सितंबर 2019 से पीडीए 14 सड़कों के चौड़ीकरण और सुंदरीकरण की प्लानिंग कर रहा है। बार-बार टेंडर करा रहा है, लेकिन हर बार पीडीए अधिकारियों को मुंह की खानी पड़ रही है। चार जनवरी को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने नियम विरूद्ध हो रहे टेंडर का मुद्दा उठाया था, जिसके बाद अब पीडीए ने एक बार फिर टेंडर कैंसिल कर दिया है।

फ‌र्स्ट टेंडर-

- 7 सितंबर 2019 को पीडीए ने पहली बार स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सिटी की 14 सड़कों के चौड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण और सुंदरीकरण का टेंडर नोटिस जारी किया था।

- अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम सेवा समर्पण संस्थान के प्रांत संपर्क प्रमुख अनुराग शुक्ला ने टेंडर में वित्तीय घोटाले का आरोप लगाया था

- तकनीकी बिड में ठेकेदारों के डॉक्यूमेंट सही न होने पर अयोग्य बताया गया था

सेकेंड टेंडर-

- फ‌र्स्ट टेंडर कैंसिल होने के बाद दूसरा टेंडर तीन नवंबर को टू बिड प्रणाली के तहत प्रकाशित किया गया। जिसमें इस बार सात नहीं, बल्कि 14 सड़कें शामिल थीं।

- 30 नवंबर टेंडर डालने की लास्ट डेट थी, लेकिन टेंडर को बेचा नहीं जा सका।

थर्ड टेंडर-

- 30 नवंबर की विज्ञप्ति और 14 सड़कों के टेंडर को तोड़कर चार चरणों में कर दिया गया

- 16, 17 और 18 दिसंबर को सड़कों का टेंडर कराया और फिर टेक्निकल बिड खोला गया

- 28 दिसंबर को म्योर रोड का टेंडर कराया गया, जिसका टेक्निकल बिड उसी दिन खोला गया।

- 16, 17, 18 और 28 दिसंबर को हुए टेंडर को टेक्निकल जांच के बाद अधिकारियों को फाइनल करना था, लेकिन टेंडर फाइनल करने के बजाय कुछ दिन पहले टेंडर को बहुत ही गोपनीय तरीके से कैंसिल कर दिया गया।

किसकी जमीन पर करेंगे चौड़ीकरण, नहीं है कोई जवाब

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत जिन 14 सड़कों के ब्यूटीफिकेशन, चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण का इस्टीमेट बनाया गया, उसमें पीडीए को यही नहीं पता है कि इस्टीमेट सरकारी भूमि पर बना है या लोगों की निजी भूमि पर, म्योर रोड पर तो फ्री होल्ड जमीन पर चौड़ीकरण का इस्टीमेट बना दिया गया, जिसको लोगों ने चैलेंज करने के साथ ही पीएमओ से लेकर मुख्यमंत्री व प्रमुख सचिव आवास तक शिकायत की है।

तीसरी बार किस कारण से कैंसिल हुआ टेंडर?

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 14 सड़कों के चौड़ीकरण, ब्यूटीफिकेशन का टेंडर एक बार फिर कैंसिल हुआ है, ये तो तय है, लेकिन इस बार किन कारणों से टेंडर कैंसिल किया गया है, अधिकारी इस बारे में कुछ भी बताने से इनकार कर रहे हैं।

कारण पूछते ही भड़क गए एक जिम्मेदार अधिकारी

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट रिपोर्टर ने एक जिम्मेदार अधिकारी से टेंडर कैंसिल होने का कारण पूछा तो वे भड़क गए। उन्होंने रिपोर्टर से कहा कि टेंडर कैंसिल हो या न हो, इससे अखबार से क्या मतलब है। हम इसके बारे में कुछ भी नहीं बता सकते हैं। पीडीए वीसी से ही इस बारे में बात कीजिए।

एडवांस कमिशन लेकर टेंडर बेचने का लगाया था आरोप

अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम सेवा समर्पण संस्थान के प्रांत संपर्क प्रमुख अनुराग शुक्ला ने प्रधानमंत्री कार्यालय, प्रमुख सचिव आवास से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक शिकायत की थी। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि स्मार्ट सिटी के टेंडर को तोड़-मरोड़ कर कराने के साथ ही पीडीए अधिकारियों द्वारा एडवांस कमिशन लेकर टेंडर कराया जा रहा है। दो-दो ठेकेदारों से एक रेट डलवा कर टेंडर बेचने की प्लानिंग की गई है।

वीसी ने नहीं दिया जवाब

पीडीए वीसी टीके शिबू को वॉट्सअप पर पूछा गया कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सड़कों के चौड़ीकरण और ब्यूटीफिकेशन के टेंडर किस कारण से एक बार फिर कैंसिल किए गए हैं। पहले भी दो बार टेंडर कैंसिल किए जा चुके हैं। वीसी ने मैसेज तो पढ़ लिया, लेकिन कोई जवाब नहीं दिया।