कुंभ मेला में प्रयागराज आएंगे हेड आफ मिशन के तहत 192 देशों के सांस्कृतिक प्रतिनिधि

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PRAYAGRAJ: संगम की रेती पर जहां कुंभ मेला से पहले दुनिया के 70 देशों के राजनयिकों द्वारा अपने-अपने देश का फ्लैग होस्ट करके प्रयागराज में कीर्तिमान बनाया गया। वहीं एक बार फिर हेड ऑफ मिशन के अन्तर्गत आने वाले दुनिया के 192 देशों से मेहमानों के आने का कार्यक्रम तय हो गया है। हालांकि इस बार विदेशी राजनयिकों का आगमन नहीं होगा। इस बार अपने देश की सांस्कृतिक विरासत में विशेषज्ञता हासिल करने वाले प्रतिनिधियों को प्रयागराज लाया जाएगा। ये कुंभ मेला की अवधि में यहां पहुंचेंगे।

22 फरवरी को होगा आगमन

पंद्रह दिसम्बर को जिस वीवीआईपी पंडाल में विदेशी राजनयिकों को कुंभ की तैयारियों का प्रजेंटेशन दिया जा रहा था। उस समय पंडाल में भारतीय सांस्कृतिक सम्बंध परिषद, नई दिल्ली के प्रोग्राम निदेशक पंकज वोहरा भी मौजूद थे। वे विदेशी राजनयिकों के साथ एयर इंडिया की फ्लाइट से आए थे। बातचीत के दौरान वोहरा ने बताया था कि कुंभ मेला की भव्यता का एहसास कराने के लिए 22 फरवरी को यहां 192 देशों के सांस्कृतिक प्रतिनिधियों को आमंत्रित करने का निर्णय लिया गया है।

संस्कृति मंत्री की पहल पर योजना

यूनेस्को से कुंभ मेला को सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल किए जाने के बाद आयोजित होने जा रहे कुंभ मेला की भव्यता को पूरी दुनिया को दिखाने के लिए केन्द्रीय संस्कृति मंत्री डॉ। महेश चंद्र शर्मा ने दिसम्बर के पहले सप्ताह में विदेश मंत्रालय से संपर्क किया था। उनकी पहल पर मंत्रालय ने अपने अधीन आने वाली भारतीय सांस्कृतिक सम्बंध परिषद के प्रोग्राम निदेशक श्री वोहरा को कार्यक्रम को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया था। इसके बाद विदेशों के सांस्कृतिक प्रतिनिधियों को प्रयागराज लाने का कार्यक्रम बनाया गया।

सेल्फी प्वाइंट पर होगा आयोजन

मेला की अवधि में आने वाले प्रतिनिधियों की अगवानी में त्रिवेणी तट के पास बनाए गए सेल्फी प्वाइंट के आसपास सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। यहां अलग-अलग देशों से आने वाले प्रतिनिधि अपने-अपने देश के वाद्य यंत्रों की प्रस्तुतियां करेंगे। तय कार्यक्रम के मुताबिक समारोह के समाप्त होने के बाद सेल्फी प्वाइंट पर ही ग्रुप तस्वीरें भी ली जाएंगी।

कुंभ मेला की भव्यता दिखाने के लिए सांस्कृतिक प्रतिनिधियों को प्रयागराज लाया जाएगा। मेला की अवधि में 22 फरवरी को 192 देशों से आने वाले प्रतिनिधि अपने-अपने देश की कला व संस्कृति का प्रदर्शन करेंगे। देशों की लिस्ट दस दिन में फाइनल कर दी जाएगी। इसके बाद विदेश मंत्रालय से वीजा आदि की औपचारिकता पूरी की जाएगी।

पंकज वोहरा, प्रोग्राम निदेशक, भारतीय सांस्कृतिक सम्बंध परिषद, नई दिल्ली