- दीक्षांत मंडप में करम पूर्व संध्या पर सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन में झूमे लोग

रांची : करम पूर्व संध्या पर रांची विवि के दीक्षांत मंडप में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। सरना नवयुवक संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न समूहों ने क्षेत्रीय गीत और नृत्य प्रस्तुत किए। मुंडारी, कुड़ुख, हो, खडि़या, संताली आदि भाषाओं में विभिन्न कॉलेज व स्कूलों के छात्र और छात्राओं ने बेहतरीन प्रस्तुति कर लोगों को करम पूजा का संदेश दिया। मौके पर रांची विवि के कुलपति प्रो। डॉ। रमेश कुमार पांडे मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। प्रति कुलपति डॉ। कामिनी कुमार और सोशल साइंस के पूर्व डीन डॉ। करमा उरांव ने भी अपनी उपस्थिति से कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। करीब चार घंटे तक चले कार्यक्रम में दर्जनों सामूहिक नृत्य हुए। करमा का संदेश देते गीतों के साथ मांदर की थाप पर सैकड़ों कदम एक साथ थिरके। छात्राएं लाल पाड़ साड़ी में और छात्र धोती गमछा लिए पारंपरिक नृत्य करते नजर आए। इन सबके बीच बांसुरी के वादन से दीक्षांत मंडप में आदिवासी संस्कृति जीवंत हो उठीं। गीत-नृत्य के आनंद में सैकड़ों दर्शक सराबोर हो गए। कार्यक्रम में महेश भगत, शीतल उरांव, निशा भगत, संजय महली, भीखम उरांव, प्रमोद भगत आदि लोग भी मौजूद थे।

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करम के संदेश को समझने की जरूरत : करमा उरांव

डॉ। करमा उरांव ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि करमा सांस्कृतिक सौहार्द्र का पर्व है। लोग एक-दूसरे के साथ मिल-जुल कर नाचते गाते हैं। लेकिन इन सबके अलावा सभी को करमा के संदेश को समझने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों को करम देवता का संरक्षण और आज के संदर्भ में करम की डाली को पूजने की उपयोगिता लोगों को बताना जरूरी है।

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सरना फूल पत्रिका का हुआ लोकार्पण -

कार्यक्रम की शुरुआत में सरना फूल पत्रिका का लोकार्पण हुआ। इस पत्रिका का प्रकाशन सरना नवयुवक संघ के ही द्वारा किया गया है। यह पत्रिका आदिवासी संस्कृति और परंपराओं पर आधारित है। पत्रिका का नाम सरना फूल जो कि कवर पेज पर भी छपा है। सरना फूल आदिवासी समाज में खास महत्व रखता है।