- सामान्य प्रसव में अत्यधिक रक्तस्राव से हुई मौत

- हॉस्पिटल में नहीं मिला रिकॉर्ड, डॉ। जितेंद्र और स्टाफ पर मुकदमा

आगरा। सरस्वती हॉस्पिटल, यमुना पार में प्रसूता की मौत पर डॉक्टर और स्टाफ पर मुकदमा दर्ज किया गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने प्रथम तल पर भर्ती मरीजों को दो दिन में शिफ्ट करने का नोटिस दिया है। वहीं, बेसमेंट सील कर दिया है।

रविवार को विपिन शर्मा निवासी गांव पाराशर मांट मथुरा ने पत्‍‌नी यशी शर्मा (24) को प्रसव पीड़ा होने पर सरस्वती हॉस्पिटल, मंडी समिति, ट्रांस यमुना में भर्ती कराया। आरोप है कि डॉ। जितेंद्र और अप्रशिक्षित नर्स, स्टाफ ने सामान्य प्रसव कराया। बेटी को जन्म दिया, प्रसव में लापरवाही से रक्तस्राव होने लगा। प्रसूता को वार्ड में शिफ्ट अप्रशिक्षित नर्स ने इंजेक्शन लगा दिया। इससे तबीयत बिगड़ गई, उसे निजी अस्पताल के बाहर एंबुलेंस से छोड़कर हॉस्पिटल संचालक सत्यभान बघेल और स्टाफ भाग गया। हॉस्पिटल के बेसमेंट में भर्ती मरीजों को भी हटा दिया गया। पोस्टमार्टम कराया गया। सूत्रों के मुताबिक, मौत का कारण अत्यधिक रक्तस्राव आया है। इंस्पेक्टर एत्माउद्दौला उदयवीर सिंह मलिक ने बताया कि परिजनों की तहरीर पर डॉ। जितेंद्र और अज्ञात अप्रशिक्षित नर्स और स्टाफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

नोडल अधिकारी डॉ। अजय कपूर ने बताया कि हॉस्पिटल के बेसमेंट को सील कर दिया है। प्रथम तल पर भर्ती मरीजों को शिफ्ट करने के लिए नोटिस दिया है। दो कमरों पर ताला लगा हुआ था। हॉस्पिटल में प्रसूता सहित अन्य मरीजों का रिकॉर्ड और बेड हेड टिकट नहीं मिली है।

तीन महीने में चौथी मौत

तीन महीने में श्री बांके बिहारी हॉस्पिटल, सिकंदरा, संजीवनी हॉस्पिटल, सरोज हॉस्पिटल और संजीवनी हॉस्पिटल, यमुना पार में प्रसव के बाद चार प्रसूताओं की मौत हो चुकी है। परिजनों ने प्रसव में लापरवाही के आरोप लगाए, पोस्टमार्टम भी कराया गया, मगर स्वास्थ्य विभाग ने मुकदमा दर्ज नहीं कराया है।

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