-परिजनों का आरोप- कोरोना के शक में डॉक्टर्स ने नहीं किया ट्रीटमेंट

बरेली : एक ओर कोरोना वारियर्स अपनी जान जोखिम में डालकर पेशेंट्स की जान बचाने में जुटे हैं। वहीं दूसरी ओर डिस्ट्रिक्ट फीमेल हॉस्पिटल की डॉक्टर खुद को बचाने के लिए पेशेंट की जान से खिलवाड़ कर रही हैं। गर्भ में बच्चे की मौत होने का पता चलने के बाद भी दो दिन तक डॉक्टर ने पेशेंट का ऑपरेशन सिर्फ इसलिए नहीं किया क्योंकि पेशेंट की कोरोना जांच रिपोर्ट नहीं आ सकी थी। गर्भ में बच्चे की मौत का पता लगने के बाद सैटरडे को जब परिजनों ने हंगामा किया तब कहीं जाकर महिला का ऑपरेशन किया गया।

यह है पूरा मामला

थाना कैंट के मोहनपुर नकटिया निवासी हरीश चंद्र की पत्नी पूजा 19 मई को डिस्ट्रिक्ट फीमेल हॉस्पिटल में एडमिट हुई थी। पूजा को हल्का कफ था तो डॉक्टर्स ने उसकी स्क्री¨नग के बाद उसे आइसोलेशन वार्ड टू में एडमिट कर सैंपल जांच के लिए भेज दिया। परिजनों का आरोप है कि चार दिन बीत जाने के बाद भी डॉक्टर ने उसका अल्ट्रासाउंड नहीं कराया। परिजनों ने सैटरडे को जब हंगामा किया तो डॉक्टर ने उसका अल्ट्रासाउंड किया तो पता चला कि बच्चे की गर्भ में ही मौत हो गई। जिसके बाद ऑपरेशन कर उसे निकाला गया। बच्चा मरा पैदा होने पर परिजन डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगा हंगामा करने लगे। मामले की सूचना पर पहुंची सीएमएस डॉ। अलका शर्मा ने परिजनों को शांत कराया।

पेशेंट्स पांच दिन पहले एडमिट हुई थी। स्क्री¨नग के दौरान हल्का कफ था, इसलिए एहतियातन सैंपल जांच के लिए भेजा था, परिजन जो आरोप लगा रहे हैं वह निराधार हैं। दो दिन पहले डॉक्टर ने डॉपलर से महिला की जांच की थी, उसी दिन परिजनों को बता दिया गया था कि बच्चा का मूवमेंट नहीं है वह एक्सपायर कर गया है। पेशेंट्स की कोरोना रिपोर्ट आने से पहले ही डॉक्टर ने पूर एहतियात के साथ ऑपरेशन किया।

डॉ। अलका शर्मा, सीएमएस