यह भी जानें
- 6 माह में पूरा करना है मीटर लगाने का काम
8 हजार रुपए है मीटर की कॉस्ट
- 70 मीटर लगाने का बनाया गया है प्लान
-60 इंस्टॉलमेंट में देना होगा मीटर की कॉस्ट
-500 रुपए का कराना होगा मिनिमम रिचार्ज
- ऊर्जा मंत्री ने जारी किया आदेश, स्मार्ट मीटर लगने की पहले ही हो चुकी है शुरुआत
-बिजली चोरी और पेंडिग बिल को देखते हए उठाया गया कदम
बरेली : अगर गवर्नमेंट ऑफिसेज ने बिजली बिल का भुगतान नहीं किया तो उनकी बत्ती गुल हो जाएगी क्योंकि थर्सडे को ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने सभी गवर्नमेंट ऑफिसेज में प्रीपेड मीटर लगाने का आदेश जारी किया है। इसके तहत बिजली विभाग ने कार्ययोजना कार्ययोजना बनाना शुरू कर दिया है। अफसरों ने सभी कर्मचारियों अगले माह से मीटर लगाने का आदेश दिया है।
जितना रिचार्ज, उतनी बिजली
बिजली विभाग के आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा बिल गवर्नमेंट ऑफिसेज के बकाया हैं। कोई भी सरकारी विभाग समय से बिल का भुगतान नही करता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि प्रीपेड मीटर लगने के बाद विभाग को उतनी ही बिजली मिलेगी जितने का वे रिचार्ज कराएंगे।
इंस्टॉलमेंट में देनी होगी कॉस्ट
प्रीपेड मीटर का शुल्क आठ हजार रुपये निर्धारित है। इसका भुगतान किस्तों में बिल के साथ कराया जाएगा। इसके लिए विभाग पांच साल का समय देगा। उपभोक्ताओं से 60 किस्तों में धनराशि ली जाएगी।
ईईसीएल देगी मीटर
सबसे पहले शहर के सरकारी विभागों में प्रीपेड मीटर लगाने की प्रक्रिया प्रारंभ होगी। इसके बाद शहर में दूसरे कंज्यूमर्स के यहां मीटर लगाएं जाएंगे। बिजली विभाग को ईईसीएल कंपनी मीटर मुहैया कराएगी। पहले फेज में 70 मीटर सरकारी विभागों में लगाने की योजना है।
क्या होते हैं प्री-पेड मीटर
- इसमें एक विशेष प्रकार का सेंसर लगा हुआ जो आपके स्मार्ट फोन से कनेक्ट होगा।
- इसमें मोबाइल की तरह ही पहले रिचार्ज करना होगा
- मिनिमम 500 रुपये का रिचार्ज मीटर में किया जा सकेगा।
- रिचार्ज खत्म होने के दो दिन पहले आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर मैसेज आ जाएगा।
- निर्धारित समय सीमा में रिचार्ज न होने पर सप्लाई कट हो जाएगी।
वर्जन
नवंबर से प्रीपेड मीटर लगाने की प्रक्रिया शुरु होगी। इसका आदेश भी ऊर्जा मंत्री की ओर से दिया गया है। कार्य योजना तैयार कर ली गई है। पहले फेज में सरकारी विभागों में मीटर लगाने की प्रक्रिया प्रारंभ होगी।
एनके मिश्र, एसई अर्बन