- अष्टमी और नवमी में पूजन और हवन के लिए विशेष इंतजाम

- व्हाट्सऐप और फेसबुक लाइव के जरिए भी कराएंगे हवन-पूजन

Meerut । कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन है। इसके तहत मंदिरों को बंद कर दिया गया है। ताकि मंदिरों में भीड़ न जुटे। वहीं अष्टमी व नवमीं पूजन को लेकर श्रद्धालुओं में खासी चिंता है। ऐसे में वो इस बार विद्वानों और पुरोहितों से पूछ रहे हैं। इसके अलावा ऑनलाइन ही पूजन विधि बताने व हवन कराने के लिए ऑनलाइन समय ले रहे है। पंडितों के अनुसार इसबार का मुहूर्त बहुत ही शुभ है। कई साल बाद ऐसा योग आया है जब अष्टमी व नवमी को पूरे दिन ही पूजन का उत्तम मुहूर्त है। इसे बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पंडितों के अनुसार लोग उनसे इसबार ऑनलाइन पूजन कराने के लिए समय ले रही हैं।

ऑनलाइन कराएंगे पूजन

पंडितों के अनुसार वो इस बार ऑनलाइन ही पूजन कराएंगे।

इसके लिए व्हाट्सऐप कॉल का भी सहारा लेंगे।

वीडियो कॉल के जरिए वो इस बार भक्तों को पूजन विधि बताएंगे।

हवन की विधि भी ऑनलाइन वीडियो पर ही पूरी कराएंगे।

वीडियो कॉलिंग से कराएंगे हवन

पंडितों ने इस बार लाइव हवन कराने का फैसला लिया है।

वो अपने मंदिरों में हवन करके उसे लाइव दिखाएंगे।

जो लोग मंदिरों के हवन में शामिल होते थे वो उसे लाइव देखकर पूजन कर सकें।

हवन में दें आहूति

विद्वानों के मुताबिक ऐसा बहुत ही साल बाद मुहूर्त आया है कि जब अष्टमी व नवमी को पूरे दिन ही पूजन कर सकते हैं।

अगर कोरोना के डर के चलते कन्याओं को नहीं बुला सकते तो अपने घर में हवन करके कन्याओं के भोग के निमित ही हवन में आहूति दी जा सकती है।

अग्नि को देवी-देवता का मुख माना जाता है, उसके जरिए देवी प्रसाद ग्रहण कर लेंगी।

इसके अलावा भोजन गाय को खिलाया जा सकता है।

देश इस समय बड़ी ही भीषण आपदा से जूझ रहा है। हालांकि, अष्टमी और नवमी का पूजन भी कराना है। इसके लिए इस बार व्हाट्सऐप कॉल के जरिए श्रद्धालुओं से संपर्क करेंगे। इसके लिए जरिए हवन-पूजन कराएंगे।

पं। चिंतामणि जोशी, पूर्व प्राचार्य, बिल्वेश्वर संस्कृत महाविद्यालय

लॉकडाउन के कारण लोग अपने घरों में ही हैं। इसलिए ऑनलाइन लाइव आरती व हवन करने की तैयारी है। लोगों को ऑनलाइन ही पूजन सम्पन्न कराया जाएगा। लॉकडाउन के चलते इस बार नई पहल की जा रही है।

पं। संजीव नौटियाल, थापरनगर शिव मंदिर

इस बार ऑनलाइन हवन कराने की तैयारी है। व्हाट्सऐप ग्रुप बना लिया गया है। इसके जरिए श्रद्धालुओं के संपर्क में रहेंगे। फेसबुक लाइव के जरिए भी हवन कराएंगे।

पं। हरिश्चंद्र शर्मा, बिल्वेश्वरनाथ मंदिर