तोहफे में मिले थे 500 पाइप
देश के 13वें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी सोमवार को राष्ट्रपति भवन छोड़ देंगे। लेकिन वे अपनी कई यादें वहां छोड़ जाएंगे। इनमें 500 से ज्यादा पाइप शामिल हैं। विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी हस्तियों ने प्रणब मुखर्जी को 500 से ज्यादा पाइप तोहफे में दी थीं। उन्होंने इन पाइपों के संग्रह को राष्ट्रपति भवन संग्रहालय को दान कर दिया है।
सिगरेट नहीं सिर्फ पाइप पिया
धूमपान छोड़ने के बाद भी प्रणब मुखर्जी का पाइप के प्रति लगाव कम नहीं हुआ था। पत्रकार और प्रणब मुखर्जी के लंबे समय से मित्र रहे जयंत घोषाल ने बताया कि उन्होंने कभी सिगरेट नहीं पी, सिर्फ पाइप ही पी।घोषाल 1985 से उन्हें जानते हैं। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य कारणों से जब उनसे धूमपान छोड़ने के लिए कहा गया, तो उसके बाद से तो उन्होंने धूमपान नहीं किया लेकिन वह बिना किसी निकोटिन के अपने मुंह में पाइप रखते थे और उसे चबाते रहते थे ताकि उसे महसूस कर सकें।
बेहतर व्यक्तित्व वाले हैं प्रणब दा
घोषाल के मुताबिक, उनका पहला पाइप उन्हें असम के कांग्रेसी नेता देबकांत बरूआ ने दिया था।उधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शिवराज पाटिल ने लंबे समय तक अपने सहयोगी रहे मुखर्जी को देश की राजनीति और अर्थशास्त्र को श्रेष्ठ संभव तरीके से जानने वाला शख्स बताया है। उन्होंने कहा कि मुखर्जी संसद में सबसे वरिष्ठ सदस्यों में से एक रहे और यह बेहद अच्छी तरह जानते थे कि किस तरीके से एक मंत्री को आचरण करना चाहिए। वह जानते थे कि बिना सरकार के लिए परेशानी खड़ी किए संविधान की सुरक्षा कैसे करनी है।
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