नई दिल्ली (पीटीआई)। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने संसद द्वारा पारित ट्रिपल तालक बिल को मंजूरी दे दी है। ऐसे में अब यह बिल कानून में तब्दील हो गया है। इस कानून से अब मुसलमानों के बीच दिया जाने वाला तत्काल तीन तलाक दंडनीय अपराध की श्रेणी में आएगा। इस बात की जानकारी एक सरकारी अधिसूचना के दी गई है। बुधवार को प्रकाशित गजट अधिसूचना में कहा गया है कि राष्ट्रपति ने संसद द्वारा पारित विधेयक को स्वीकृति दे दी है।
राज्यसभा में इस बिल के फेवर में 99 वोट पड़े
इस अधिनियम ने बीती 21 फरवरी को तीन तलाक को लेकर जारी किए गए मौजूदा अध्यादेश की जगह ले ली है। अब पत्नी को तीन तलाक देने वाले मुस्लिम पुरुष को तीन साल तक की सजा हो सकती है। हाल ही में संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किया जा चुका है। बीते सप्ताह लोकसभा में मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) 2019 विधेयक को पारित किया गया था। इसके बाद बीते मंगलवार राज्यसभा ने 84 के मुकाबले 99 मतों से इसे पारित कर दिया।
20 से अधिक मुस्लिम देशों तीन तलाक पर बैन
बता दें कि कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मंगलवार को राज्यसभा में कहा था कि यह विधेयक राजनीति-धर्म से नहीं बल्कि न्याय, सम्मान और महिलाओं की गरिमा से जुड़ा है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद इस पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई थी लेकिन इसके बाद ट्रिपल तलाक के करीब 574 मामले सामने आए हैं।इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस प्रथा पर 20 से अधिक मुस्लिम देशों ने प्रतिबंध लगा रखा है फिर भारत में क्यों नहीं है।
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