- आईआईटी रुड़की जैसे इंस्टीट्यूट एजुकेशन के केंद्र मात्र नहीं, ये नवाचार व रचनात्मक विचारों के हब भी

- हायर लेवल टेक्निकल इंस्टीट्यूशंस में ग‌र्ल्स की संख्या बढ़ाने के लिए उठाने होंगे जरूरी कदम

DEHRADUN: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आईआईटी रुड़की के एनुअल कॉन्वोकेशन समारोह में स्टूडेंट्स को डिग्री प्रदान की। अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि आईआईटी रुड़की जैसे संस्थान एजुकेशन के केंद्र मात्र नहीं हैं, बल्कि ये नवाचार व रचनात्मक विचारों के हब भी हैं। रिसर्च, नवाचार व रचनात्मक विचारों से ही राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के साथ ही मानवता की भलाई की जा सकती है। हमें नवाचार व रचनात्मकता को बढ़ावा देना चाहिए। खुशी है कि आईआईटी रुड़की ऐसा कर रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि आईआईटी रुड़की टीआईडीईएस बिजनेस इन्क्यूबेटर, न्यू टेक्नोलॉजी पर आधारित स्टार्टअप और नई कंपनियों को हेल्प प्रदान कर रहा है। कैम्पस में स्टूडेंट्स को एकेडमिक संस्थाओं व निर्णय लेने की प्रक्रिया में भागीदार बनाकर रचनात्मक चिंतन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में साइंस और तकनीकी संस्थाओं में ग‌र्ल्स का अनुपात अपेक्षाकृत कम है। हायर लेवल टेक्निकल इंस्टीट्यूशंस में ग‌र्ल्स की संख्या बढ़ाने के लिए जरूरी कदम उठाने होंगे। जब ऐसा होगा तो हमारी साइंस संबंधी उपलब्धियां अधिक हितकारी हो पाएंगी।

आईआईटी ने पांच विलेज किए हैं चिन्हित

राष्ट्रपति ने कहा कि जून 2018 में राज्यपाल सम्मेलन में उन्होंने सुझाव दिया था कि विवि यूनिवर्सिटी सोशल रेस्पोंसिबिलिटी को अपनाएं। खुशी है कि आईआईटी रुड़की के स्टूडेंट्स ने कम्युनिटी कार्यो में सक्रिय भूमिका निभाई है। उत्तराखंड में उन्होंने पांच विलेज चिन्हित किए हैं और इन गांवों में वाटर मैनेजमेंट, स्किल डेवलपमेंट आदि प्रॉब्लम्स का समाधान करने के लिए ग्रामीणों के साथ काम कर रहे हैं। वहीं स्वच्छता ही सेवा के तहत हरिद्वार व रुड़की में गंगा घाट पर गंगा स्वच्छता अभियान में कॉम्पिटीशन किया है। इस तरह की पहल कर आईआईटी रुड़की के स्टूडेंट्स ने यूनिवर्सिटी सोशल रेस्पोंसिबिलिटी को कार्यरूप दिया है। इस मौके पर सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आईआईटी रुड़की के डिग्री हासिल करने वाले स्टूडेंट्स को बधाई देते हुए कहा कि इस एजुकेशन का उपयोग देश के कल्याण में किस तरह से किया जा सकता है, इस पर विचार करना होगा। उन्होंने कहा कि चैलेंजिंग कॉम्पिटीशन के दौर में स्टूडेंट्स का जीवन काफी टेंशनपूर्ण हो रहा है। ऐसे में पीएम के योग संदेश को अपनाने की जरूरत है। पीएम ने 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का संकल्प लिया है। इसमें हम सभी को सहभागी बनना है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने उपाधि हासिल करने वाले स्टूडेंट्स को बधाई देते हुए कहा कि आईआईटी का 72 वषरें का गौरवशाली इतिहास है। आईआईटी के डायरेक्टर प्रो। अजित कुमार चतुर्वेदी ने इंस्टीट्यूट के बारे में जानकारी दी। इस मौके पर देश की प्रथम महिला सविता कोविन्द, राज्यपाल बेबी रानी मौर्या, सीएस उत्पल कुमार सिंह, डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी, गढ़वाल कमिशनर रविनाथ रमन आदि अधिकारी मौजूद रहे। इससे पहले जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचने पर राष्ट्रपति का स्वागत राज्यपाल बेबी रानी मौर्या, सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत, केन्द्रीय मंत्री डॉ। रमेश पोखरियाल निशंक ने किया।

व‌र्ल्डफेम मैग्जीन ने आईआईटी रुड़की को दिया स्थान

सीएम ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का देवभूमि आगमन पर स्वागत करते हुए कहा कि आईटीआईटी रुड़की जैसा प्रतिष्ठित संस्थान राज्य की पहचान है। व‌र्ल्डफेम टाईम पत्रिका में आईआईटी रुड़की को इमरजिंग यूनिवर्सिटीज रेंकिंग में विश्व में 35 वां स्थान दिया गया है। उत्तराखण्ड में इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, एग्रीकल्चर आदि क्षेत्रों के बड़े और हायर लेवल इंस्टीट्यूशंस हैं, यह गर्व की बात है।

आईआईटी रुड़की में खुलेगा अंतरिक्ष साइंस प्रकोष्ठ

सीएम ने कहा कि आईआईटी रुड़की में इसरो के जरिए अंतरिक्ष विज्ञान का प्रकोष्ठ स्थापित किया जा रहा है। इससे अंतरिक्ष के क्षेत्र में रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा। संस्थान के नाम कई अचीवमेंट हैं। अर्थक्वैक की पूर्व चेतावनी देने की टेक्नोलॉजी डेवलप करने पर इंस्टीट्यूट ने बेहतर काम किया है। यह उत्तराखंड जैसे सेंसेटिव स्टेट के लिए बेहद उपयोगी रहेगा।

मलेथा सुरंग पर हो स्टडी

सीएम ने कहा कि आज से 350 साल पहले मलेथा की सुरंग बनी थी और आज भी इसके माध्यम से सफलतापूर्वक पानी की आपूर्ति की जा रही है। 350 साल पहले किस तरह इसे बनाया गया। इसका अध्ययन भी किया जा सकता है।

- एनुअल कॉन्वोकेशन में 2029 स्टूडेंट्स को दी गई डिग्री, 309 पीएचडी स्टूडेंट्स शामिल।